तोमर ने कहा- किसानों के सहयोग और सरकारी प्रयासों से चावल सहित जायद फसलों का रकबा 2017-18 में 29.71 लाख हेक्टेयर से 2.7 गुना बढ़कर 2020-21 में 80.46 लाख हेक्टेयर हो गया है।
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नई दिल्ली, 27 जनवरी। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने जानकारी देते हुए कहा कि पिछले 3 सालों में जायद फसलों का रकबा 29.71 से बढ़ाकर 80.46 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। ये किसानों के अथक मेहनत और सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के कारण ही संभव हो पाया है।
आज कृषि भवन नई दिल्ली में आयोजित जायद / ग्रीष्मकालीन अभियान 2022 के लिए चौथे राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन की अध्यक्षता की…https://t.co/6KVPdx0syQ pic.twitter.com/ick5EppOZ3
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) January 27, 2022
तोमर ने गुरुवार को ग्रीष्मकालीन अभियान के लिए ”राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन” को संबोधित करते हुए कहा कि ग्रीष्मकालीन फसलें ना केवल अतिरिक्त आय प्रदान करती हैं बल्कि रबी से खरीफ तक किसानों के लिए रोजगार के मौके सृजित करती हैं और फसल की तीव्रता में भी वृद्धि होती है। सरकार ने दलहन, तिलहन और पोषक-अनाज जैसी ग्रीष्मकालीन फसलों की खेती के लिए विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए नई पहल की है। हमारा उद्देश्य एक ही है कि कृषि उन्नत और लाभप्रद हो, उत्पादकता बढ़े और किसानों के जीवन स्तर में बदलाव आए, जिसके लिए नई इजाद किस्मों का उपयोग भी राज्यों को योजनाबद्ध तरीके से करना चाहिए।
Hon'ble Minister of Agriculture & Farmers Welfare Shri @nstomar launched book on 'Indian Seed Certification Working Manual' on the occasion of National Conference on 'Agriculture for Zaid/ Summer Campaign 2022'.#AatmaNirbharKrishi pic.twitter.com/ivpVrUI4Bn
— Agriculture INDIA (@AgriGoI) January 27, 2022
केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि हमारे देश की विविध भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियां है। जिन्हें ध्यान में रखते हुए ग्रीष्म ऋतु की फसलें ज्यादा से ज्यादा ली जानी चाहिए। ये किसानों को कम लागत और कम समय में अतिरिक्त आमदनी देने वाली होती है। राज्यों और किसानों के सहयोग से जायद फसलों का रकबा बढ़ रहा है। किसानों के सहयोग और सरकारी प्रयासों से चावल सहित जायद फसलों का रकबा 2017-18 में 29.71 लाख हेक्टेयर से 2.7 गुना बढ़कर 2020-21 में 80.46 लाख हेक्टेयर हो गया है।
गौरतलब है कि जायद सम्मेलन का उद्देश्य पूर्ववर्ती फसल मौसमों के दौरान फसल के प्रदर्शन की समीक्षा और मूल्यांकन करना और राज्य सरकारों के परामर्श से गर्मी के मौसम के लिए फसलवार लक्ष्य निर्धारित करना है। ग्रीष्म 2021-22 के लिए दलहन-तिलहन और पोषक-अनाज के लिए राष्ट्रीय, राज्यवार लक्ष्य निर्धारित किए गए थे। सम्मेलन में बताया गया कि 2020-21 में इन फसलों के तहत 40.85 लाख हेक्टेयर की तुलना में 2021-22 के दौरान 52.72 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया जाएगा। 21.05 लाख हेक्टेयर क्षेत्र दलहन और 13.78 और 17.89 लाख हेक्टेयर क्षेत्र तिलहन और पोषक अनाज के तहत लाया जाएगा।