Punjab news: प्लांट में कोयला पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान रोपड़ जाएंगे। पूर्व में झारखंड के बैकवाटर में पंजाब का कोयला खनन शुरू हुआ था। पचवारा कोयला खान से पंजाब को रोज पांच रैक कोयला मिलेगा। इसलिए भविष्य में पंजाब की कोयले संबंधी समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। इसके साथ ही कहा कि इस कोयले को निजी थर्मलों को देने पर भी विचार किया जा रहा है।
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Punjab news: झारखंड के पचवारा में राज्य की आवंटित कोयला खदान से कोयले की पहली खेप शुक्रवार को रेल मार्ग से राज्य पहुंचेगी।
राज्य की अपनी खान से निकाले गए लगभग 4,000 मीट्रिक टन कोयले को रोपड़ स्थित गुरु गोबिंद सिंह सुपर थर्मल पावर प्लांट में लाया जा रहा है।
प्लांट में कोयला पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान आज रोपड़ जाएंगे।
पीएसपीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि तीन और रेक खदान से निकल चुके हैं और अगले सप्ताह राज्य में पहुंच जाएंगे। कोयले का इस्तेमाल राज्य द्वारा संचालित लेहरा मोहब्बत पावर प्लांट में भी किया जाना है। इस महीने की शुरुआत में चालू होने के बाद से अब तक इस खदान से लगभग 70,000 मीट्रिक टन कोयला निकाला जा चुका है। करीब आठ साल पहले यहां खनन का काम बंद हो गया था।
इस खदान के चालू होने से राज्य को प्रतिवर्ष लगभग 1000 करोड़ रुपये बचाने में मदद मिलेगी, क्योंकि राज्य को कोल इंडिया से कोयला नहीं खरीदना पड़ेगा या महंगा आयातित कोयला नहीं खरीदना पड़ेगा। पिछले साल स्टेट पावर यूटिलिटी ने महंगे कोयले के आयात पर 500 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए थे।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार पहले से ही राज्य में निजी बिजली संयंत्रों द्वारा इस कोयले के उपयोग की अनुमति देने पर जोर दे रही है, जो विशेष रूप से राज्य को बिजली की आपूर्ति कर रहे हैं।
सीएम मान ने हाल ही में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के साथ हुई बैठक में भी यह मामला उठाया था।