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कर्नाटक हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, हुबली के ईदगाह मैदान में मनाया जाएगा गणेश उत्सव

कर्नाटका हाईकोर्ट ने सूप्रीम कोर्ट का फैसला खारिज करते हुए खा की गणेश उत्सव हुबली के ईदगाह मैदान में मनाया जा सकता है।

By रुचि उपाध्याय 

Updated Date

Hubballi Idgah row: कर्नाटका हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मंगलवार रात हुबली के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी समारोह की अनुमति दे दी। अदालत हुबली के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी समारोह की अनुमति देने के राज्य सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली एक तत्काल याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

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याचिका खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि पूर्व के फैसलों से स्पष्ट है कि संपत्ति का स्वामित्व सरकार के पास है और “याचिकाकर्ता ने संपत्ति को केवल दो मौकों पर इस्तेमाल करने के लिए लीज पर लिया है। उक्त पर सरकार का अधिकार है। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा।

गणेश चतुर्थी का 10 दिवसीय असाधारण उत्सव इस साल 31 अगस्त से शुरू होगा और 9 सितंबर को विसर्जन समारोह के साथ समाप्त होगा।

राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता ध्यान चिनप्पा ने कहा कि हुबली का ईदगाह मैदान का मामला बेंगलुरु से अलग है।

मुस्लिम संगठन अंजुमन इस्लामिया ने गणेश उत्सव की अनुमति पर रोक के लिए एक ही दिन में दो बार हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया लेकिन दोनों बार उन्हें निराश होना पड़ा। बेंगलुरू के ईदगाह मैदान को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक बार फिर देर रात एक बार फिर अंजुमन के सदस्य हाईकोर्ट गए लेकिन हाईकोर्ट ने साफ कर दिया कि ईदगाह मैदान कमिश्नर के अधिकार में है और उन्हें उस पर फैसला लेने का पूरा अधिकार है।

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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बेंगलुरु के ईदगाह मैदान पर गणेश चतुर्थी के समारोह को आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया और उस जगह पर दोनों पक्षों को यथास्थिति बनाकर रखने का आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि पिछले 200 साल में ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी का ऐसा कोई समारोह आयोजित नहीं हुआ है। उसने मामले के पक्षों से विवाद के निवारण के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट में जाने को कहा।

जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस एम एम सुंदरेश की तीन जजों की बेंच ने शाम 4:45 बजे विशेष सुनवाई में कहा कि पूजा कहीं और की जाए। पीठ ने कहा, ‘रिट याचिका हाईकोर्ट की एकल पीठ के समक्ष लंबित है और सुनवाई के लिए 23 सितंबर, 2022 की तारीख तय हुई है। सभी सवाल/विषय हाईकोर्ट में उठाये जा सकते हैं।’ उसने कहा, ‘इस बीच इस जमीन के संबंध में दोनों पक्ष आज जैसी यथास्थिति बनाकर रखेंगे। विशेष अनुमति याचिका का निस्तारण किया जाता है।’

शीर्ष अदालत कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सेंट्रल मुस्लिम एसोसिएशन ऑफ कर्नाटक तथा कर्नाटक वक्फ बोर्ड की अपील पर सुनवाई कर रही थी। कर्नाटक हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने 26 अगस्त को राज्य सरकार को चामराजपेट में ईदगाह मैदान का इस्तेमाल करने के लिए बेंगलुरु (शहरी) के उपायुक्त को मिले आवेदनों पर विचार करके उचित आदेश जारी करने की अनुमति दी थी। इससे पहले मंगलवार को चीफ जस्टिस यू यू ललित ने गणेश चतुर्थी समारोहों के लिए बेंगलुरु के ईदगाह मैदान के इस्तेमाल के हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली सेंट्रल मुस्लिम एसोसिएशन ऑफ कर्नाटक तथा कर्नाटक वक्फ बोर्ड की याचिका पर सुनवाई के लिए तीन न्यायाधीशों की पीठ का गठन किया था।

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