दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन (ग्रैप) प्लान एक अक्तूबर से लागू होने जा रहा है. बीते वर्ष के मुकाबले इस साल इसे 15 दिन पहले ही लागू किया जा रहा है. इसमें कई बदलावों को भी शामिल किया गया है.
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दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन (ग्रैप) प्लान एक अक्तूबर से लागू होने जा रहा है. पिछले साल के मुकाबले इस साल इसे 15 दिन पहले ही लागू किया जा रहा है. इसमें कई नए बदलाव को भी शामिल किया गया है. नए नियम में अब तीन दिनों के पूर्वानुमान के आधार पर प्रदूषण करने वाली गतिविधियों पर रोक लगाई जा सकेगी. पहले पीएम 2.5 व पीएम 10 का एक निश्चित स्तर पर पहुंचने पर रोक लगाई जाती थी.
विशेषज्ञों का दावा है कि समय से ग्रैप लागू होने से प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिलेगी. पिछले साल के मुकाबले इस साल इसे 15 दिन पहले ही लागू किया जा रहा है. साथ ही इसमें कई बदलाव भी किए गए हैं.नए नियम के मुताबिक, अब तीन दिन के पूर्वानुमान के आधार पर प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर रोक लगाई जा सकेगी. इससे पहले पीएम 2.5 व पीएम 10 का एक निश्चित स्तर पर पहुंचने पर रोक लगाई जाती थी.
सेंटर फॉर साइंस एंड इन्वायरमेंट के स्वच्छ वायु कार्यक्रम के वरिष्ठ कार्यक्रम प्रबंधक विवेक चट्टोपाध्याय का कहना है कि जब तक मौसमी परिस्थितियां हवा की गुणवत्ता बिगाड़ने में सहायक नहीं होतीं, तब तक पहले से की की जा रही इस तरह की कार्रवाई से प्रदूषण पर नियंत्रण होना चाहिए. एजेंसियां को अपनी आधारभूत स्तर की कार्रवाई को मजबूत करना चाहिए ताकि आपातकालीन उपायों को लागू करने की जरूरत नहीं हो. इस कड़ी में सीएनजी ट्रक चलाने चाहिए.
चार चरणों में बांटा
ग्रेप को अब वायु गुणवत्ता के चार चरणों के अंतर्गत बांटा गया है. पहले चरण के तहत एक्यूआई 201 से 300 पहुंचने पर खराब, दूसरे चरण में एक्यूआई 301-400 पहुंचने पर बहुत खराब, तीसरे चरण में एक्यूआई 401-450 पहुंचने पर गंभीर और चौथे चरण में एक्यूआई 450 से अधिक पहुंचने पर बेहद गंभीर श्रेणी में रखा जाएगा. केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने अलग-अलग चरणों में प्रदूषण के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश भी की है.