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Mining Lease Case : सीएम हेमंत सोरेन के माइनिंग लीज और शेल कंपनी मामले में 19 को होगी हाईकोर्ट में सुनवाई

Jharkhand Mining Lease Case : माइनिंग लीज व शेल कंपनियों में निवेश को लेकर घिरे सीएम हेमंत सोरेन के केस की सुनवाई आज हाईकोर्ट में हुई। इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल व मुकुल रोहतगी ने सीएम का पक्ष कोर्ट के समक्ष रखा।

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

रांची, 17 मई 2022। Jharkhand News : झारखंंड के सीएम हेमंत सोरेन के खनन पट्टा (माइनिंग लीज) और शेल कंपनियों के माध्यम से निवेश के मामले में हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई। हाईकोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सीएम हेमंत सोरेन का पक्ष रखा। झारखंड की राजनीति में ये मामला बेहद ही खास माना जा रहा है, क्योंकि इस मामले में आरोप सीधे तौर से मुख्यमंत्री पर लगाए गए हैं। फिलहाल कोर्ट किसी फैसले पर नहीं पहुंच पाई है। कोर्ट ने 19 मई को मामले की दोबारा से सुनवाई की तारीख तय की है। जबकि माइनिंग लीज मामले में सीएम की ओर से अधिवक्ता मुकुल रहतोगी ने पक्ष रखा। दोनों ही मामलों पर अब कोर्ट 19 मई को सुनवाई करेगा।

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आपको बता दें कि झारखंड भाजपा के नेता रघुबर दास ने सीएम हेमंत सोरेन के माइनिंग लीज मामले को उजागर किया था। इसके बाद से ही राज्य की राजनीति में कई तरह के बदलाव देखने के मिलें। यह मामला बढ़ते-बढ़ते हाईकोर्ट तक जा पहुंचा। जिस पर आज सुनवाई हुई।

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन पर माइनिंग लीज मामले में याचिका दायर की गई है। इसके साथ ही उनके करीबियों द्वारा शेल कंपनियों के माध्यम से निवेश का मामले पर भी हाई कोर्ट में सुनवाई की गई। यह मामला हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद के समक्ष पेश किया गया। इस मामले की पिछले सुनवाई में ईडी ने कोर्ट के सामने बताया था कि वह झारखंड में कार्रवाई कर रही है, इस कार्रवाई में उनको हाथ कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज लगे हैं। ईडी इन दस्तावेजों के पूरा कर हाईकोर्ट को दिखाना चाहती है। जिस पर कोर्ट ने उन सभी दस्तावेजों को सीलबंद कर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को सौंपने का निर्देश दिया था।

ईडी ने सौंपी थी अपनी रिपोर्ट

जानकारी के मुताबिक ईडी ने मामले से जुड़े सभी दस्तावेजों को सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को दे दिये हैं। याचिकाकार्ता शिवशंकर शर्मा ने सीएम हेमंत सोरेन से संबंधित दोनों ही मामलों पर जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी। पिछली सुनवाई के दौरान ईडी के अधिवक्ता तुषार मेहता ने कहा था कि ईडी ने शेल कंपनियों से जुड़े कई दस्तावेज जुटाए है। जिसके बाद ही उन दस्तावेजों को कोर्ट में जमा कराने के निर्देश दिये गये थे। आपको बता दें कि इस याचिका में कहा गया है कि सीएम व उनके परिजनों व करीबियों द्वारा करीब 400 शेल कंपनियों में निवेश किया गया है। बताया गया कि सरकार के नजदीकी माने जाने वाले सुरेश नागर, अमित अग्रवाल व रवि केजरीवाल के साथ अन्य संबंधी इस तरह की कंपनियों का संचालन करते हैं। झारखंड की अवैध कमाई को इन्हीं कंपनियों के द्वारा मॉल, होटल व संपत्तियों में निवेश किया जाता है। इसकी जानकारी के लिए रजिस्ट्रार आफ कंपनी को प्रतिवाद बनाया गया था।

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इस पर रजिस्ट्रार आफ कंपनी ने जवाब देते हुए कहा था कि हम केवल झारखंड में स्थित चार कंपनियों की जानकारी प्रदान कर सकते हैं, क्योंकि ये कंपनियां ही उनके अधीन हैं। अन्य जिन 45 कंपनियों की जानकारी के लिए मांगी गई हैं उनके लिए हरियाणा, दिल्ली, पटना, कटक, कोलकाता व छ्त्तीसगढ़ के रजिस्ट्रार आफ कंपनी से जानकारी ली जा सकती है।

 

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