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Hijab Verdict : कर्नाटक हाई कोर्ट का बड़ा फैसला- हिजाब पहनना इस्लाम में अनिवार्य नहीं

हाई कोर्ट का ताजा फैसला आने के कुछ घंटों बाद यादगीर के सुरपुरा तालुक केंबवी गवर्नमेंट पीयू कॉलेज की कुल 35 छात्राओं ने परीक्षाओं का बहिष्कार किया और वहां से चली गईं।

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

बेंगलुरु, 15 मार्च। कर्नाटक हाई कोर्ट ने मंगलवार को शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है। शिक्षण संस्थान इस तरह के पहनावे और हिजाब पर बैन लगा सकते हैं। अपने आदेश के साथ हाई कोर्ट ने हिजाब की अनुमति मांगने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दीं।

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शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती

सुनवाई के दौरान कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जेएम खाजी की पीठ ने कहा कि 5 फरवरी के सरकारी आदेश को अमान्य करने के लिए कोई मामला नहीं बनता है। इससे पहले हाई कोर्ट ने कई याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रखा था। इनमें शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती दी गई थी।

कर्नाटक के एक कॉलेज से शुरू हुआ था हिजाब

बतादें कि कर्नाटक में हिजाब का विरोध इस साल जनवरी में शुरू हुआ था, जब राज्य के उडुपी जिले के गवर्नमेंट गर्ल्स पीयू कॉलेज की कुछ छात्राओं ने आरोप लगाया कि उन्हें हिजाब पहने होने की वजह से कक्षाओं में जाने से रोक दिया गया। छात्र-छात्राओं के एक वर्ग ने इसका तीखा विरोध किया, जिसके विरोध में विजयपुरा स्थित शांतेश्वर एजुकेशन ट्रस्ट में विभिन्न कॉलेजों के छात्र भगवा शाल पहनकर पहुंचे। उडुपी जिले के कई कॉलेजों में भी यही स्थिति थी।

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फैसले से 35 छात्राओं ने परीक्षाओं का बहिष्कार किया

उधर मंगलवार को हाई कोर्ट का ताजा फैसला आने के कुछ घंटों बाद यादगीर के सुरपुरा तालुक केंबवी गवर्नमेंट पीयू कॉलेज की कुल 35 छात्राओं ने परीक्षाओं का बहिष्कार किया और वहां से चली गईं। छात्राओं की प्रारंभिक परीक्षा शुरू हुई, लेकिन फैसला सुनाए जाने के बाद उन्होंने इसका बहिष्कार किया। परीक्षा सुबह 10 बजे शुरू हुई और दोपहर 1 बजे तक खत्म होनी थी। कॉलेज की प्रिंसिपल शकुंतला ने बताया कि उन्होंने छात्राओं से कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेशों का पालन करने की अपील की लेकिन छात्राओं ने मना कर दिया और परीक्षा हॉल से बाहर चली गईं। कुल 35 छात्राएं कॉलेज से बाहर चली गईं। इस बीच छात्राओं ने कहा कि वो अपने अभिभावकों के साथ फैसले पर चर्चा करेंगी और फिर तय करेंगी कि वो हिजाब पहने बिना कक्षा में शामिल होंगी या नहीं।

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