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इंडिया में ब्रिटेन की आबादी से तीन करोड़ से ज्यादा डायबिटीज मरीज

By Rajni 

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नई दिल्ली। लोगों के जीवन के लिए डायबिटीज बड़ा खतरा बन चुकी है। हमारी खराब लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से मधुमेह की बीमारी घर-घर पहुंच रही है। यह कहना है इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च यानी ICMR का।

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जिसके सर्वे के मुताबिक भारत में डायबिटीज के कुल मरीजों की संख्या 10 करोड़ को भी पार कर चुकी है। यानि ब्रिटेन की आबादी से भी 3 करोड़ ज्यादा। यूनाइटेड किंगडम की कुल आबादी 7 करोड़ है, जबकि भारत में डायबिटीज यानी मधुमेह के मरीजों की संख्या ही 10 करोड़ से ज़्यादा हो चुकी है। यानि भारत में शुगर के मरीज अपने आप में एक देश के बराबर हो चुके हैं।

डराने वाला आंकड़ा यह है कि डायबेटिक मरीज़ों की संख्या बीते कुछ वक्त से लगातार तेज़ी से बढ़ी है। ICMR का सर्वे बताता है कि भारत में बीते 4 सालों में ही डायबिटीज के मरीज़ों की संख्या 44% तक बढ़ गई है। ऐसे लोग जिन्हें निकट भविष्य में डायबिटीज होने का खतरा है उनकी तादाद और भी ज्यादा है।

सर्वे के अनुसार भारत में तकरीबन 13 करोड़ 30 लाख मरीज ऐसे हैं, जो प्रीडायबेटिक हैं और जिन्हें आने वाले समय में डायबिटीज होने का पूरा खतरा है। आज देश की करीब साढ़े 11 फीसदी आबादी डायबेटिक हो चुकी है। टूरिज्म के लिए मशहूर जिस गोवा में आप घूमने और मस्ती के लिए जाते हैं, आज उसी गोवा की कुल 26.4 फीसदी आबादी डायबेटिक हो चुकी है।

इससे बाद पुदुच्चेरी का नंबर आता हैं। जहां 26.3 फीसदी लोग मधुमेह के मरीज हैं। इसी तरह केरल में 25.5 फीसदी, जबकि चंडीगढ़ में 20.4 प्रतिशत लोग मधुमेह के शिकार हो चुके हैं। देश की राजधानी दिल्ली भी इस लिस्ट में ज़्यादा पीछे नहीं है और दिल्ली की 17.8% आबादी मधुमेह का शिकार है।

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