Love Jihad in MP:मध्य-प्रदेश के इंदौर में एक सरकारी लॉ कॉलेज में धार्मिक कट्टरता फैलाने का मामला सामने आया है,इस मामले कि उच्च स्तरी जांच उच्च शिक्षा विभाग की समिति कर रही है,अभी तक इस मामले में 13 प्रोफेसर सहित कई स्टाफ से लिखित बयान दर्ज करवाया गया है,मामला धार्मिक कट्टरता, लव जिहाद और छात्राओं को कैफे, रेस्टोरेंट और पब में बुलाने का है, लेकिन उसे महज एक किताब पर मोड़ने की कोशिश की जा रही है.
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Indore News.मध्य-प्रदेश के इंदौर में एक सरकारी लॉ कॉलेज में धार्मिक कट्टरता फैलाने का मामला सामने आया है,इस मामले कि उच्च स्तरी जांच उच्च शिक्षा विभाग की समिति कर रही है,अभी तक इस मामले में 13 प्रोफेसर सहित कई स्टाफ से लिखित बयान दर्ज करवाया गया है,जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट का कहना है कि मामला धार्मिक कट्टरता, लव जिहाद और छात्राओं को कैफे, रेस्टोरेंट और पब में बुलाने का है, लेकिन मामले को भटकाने की कोशिश की जा रही है, जिन लोगों ने ये कृत्य किया उनका स्थान जेल में होना चाहिए, हम कड़ी कार्रवाई करेंगे.
उच्च शिक्षा विभाग की अतिरिक्त संचालक डॉ.किरण सलूजा ने आरोप के घेरे में आए प्रोफेसर अमीक खोखर,डा. मिर्जा मोजिज बेग,डा. फिरोज अहमद मीर,डा. सुहैल अहमद वाणी के साथ प्रो. मिलिंद कुमार गौतम और डा. पूर्णिमा बीसे समेत 13 लोगों के बयान लिए हैं,अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कहना है कि ये मामला धार्मिक कट्टरता फैलाने लव जिहाद और छात्राओं के कैफे,रेस्टोरेंट और पब में ले जाने का है. ऐसे में जांच को भटकाने के लिए मंत्री पर आरोप लगाकर मामले को डायवर्ट करने की कोशिश की जा रही है, किताब खरीदने की बात की जा रही है.
विवादास्पद किताब सामूहिक हिंसा एवं दाण्डिक न्याय पद्धति की खरीद को लेकर कहा जा रहा है कि ये किताब 2014 में कॉलेज की तत्कालीन प्रिंसिपल डॉ. सुधा सुरेश सिलावट के समय खरीदी गई थी. डॉ. सुधा के पति होलकर साइंस कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सुरेश सिलावट जांच समिति में शामिल हैं. ये जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट के बड़े भाई हैं,मुख्य मुद्दा ये है कि जब ये है किताब 2015 में बैन हो गई थी,तो इस पुस्तक को कॉलेज में पढ़ाने का औचित्य क्या था. उसको एक एजेंडे के तहत पढ़ाया जा रहा है, समाज में जहर घोलने की कोशिश थी, हम चाहते हैं कि मंत्री के परिवार के लोग हो फिर भी जांच कमेटी निष्पक्ष जांच करे और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए.
भंवरकुआं थाने में विवादित किताब की लेखिका डॉ. फरहत खान, लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. इनामुर्रहमान,डॉ. मिर्जा मोजिज बेग और अमर लॉ प्रकाशन पर गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है,आरोपियों पर जो धाराएं लगाईं गईं हैं वो गैरजमानती हैं, ऐसे में अब जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है