पहले भी हुई है विधायकों पर कार्रवाई
प्रेसवार्ता के दौरान सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि झारखंड विधानसभा सदस्या नियामवील वर्ष 2006 के मुताबिक साल 2009 में करीब 11 विधायकों की सदस्यता को अमान्य करार दिया गया था। वर्ष 2014 में चुनाव के बाद झारखंड विकास मोर्चा के पांच विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे, तब बाबूलाल मरांडी कुछ अलग दलील देते थे, लेकिन आज दल बदल की राजनीति के लिए उनका नजरिया व दलीलें बदल गई है।
इससे पहले भी सुप्रियो भट्टाचार्य भाजपा को कर चुके हैं चैलेंज
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रविवार को सुप्रियो भट्टाचार्य ने भाजपा को चैलेंज करते हुए कहा था कि यदि 28 महीनों के कार्यकाल में सरकार की कोई वित्तीय अनिमितता है तो भाजपा उसे उजागर करें। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए वह मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने का कार्य कर रही है। क्योंकि वर्तमान सरकार का कानूनी तौर पर कुछ बिगाड़ा नहीं जा सकता।