केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 57 पुरस्कारों की घोषणा 11 श्रेणियों में की। जिनमें सर्वश्रेष्ठ राज्य, जिला, पंचायत और सर्वश्रेष्ठ उद्योग शामिल हैं। उत्तर भारत के सर्वश्रेष्ठ जिले के रूप में मुजफ्फरनगर जिला चयनित हुआ है। इसी तरह प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बलुआ को उत्तर भारत में ‘सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत’ का पुरस्कार मिला है।
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लखनऊ, 07 जनवरी। योगी सरकार की ‘जल संरक्षण’ मुहिम ने उत्तर प्रदेश को देश में पहले पायदान पर पहुंचा दिया है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2020 के तहत कई श्रेणियों में 5 पुरस्कार दिए हैं। ‘सर्वश्रेष्ठ राज्य श्रेणी’ में प्रदेश को पहला स्थान मिला है, जबकि राजस्थान और तमिलनाडु को सर्वश्रेष्ठ राज्य (सामान्य) श्रेणी में दूसरा और तीसरा पुरस्कार मिला है।
आज मैंने नेशनल वाटर अवॉर्ड्स 2020 के विजेता घोषित किए।
मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि प्रथम उत्तर प्रदेश, द्वितीय राजस्थान और तृतीय स्थान तमिलनाडु को प्राप्त हुआ। #NationalWaterAwards
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) January 7, 2022
गजेंद्र सिंह शेखावत ने 57 पुरस्कारों की घोषणा 11 श्रेणियों में की
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय जल पुरस्कारों की स्थापना 2018 में की गई थी। इसका उद्देश्य देशभर में राज्यों, जिलों, व्यक्तियों और संगठनों द्वारा किए गए अनुकरणीय कार्यों और प्रयासों को मान्यता देने और प्रोत्साहित करने के लिए किया गया था। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 57 पुरस्कारों की घोषणा 11 श्रेणियों में की। जिनमें सर्वश्रेष्ठ राज्य, जिला, पंचायत और सर्वश्रेष्ठ उद्योग शामिल हैं। उत्तर भारत के सर्वश्रेष्ठ जिले के रूप में मुजफ्फरनगर जिला चयनित हुआ है। इसी तरह प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बलुआ को उत्तर भारत में ‘सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत’ का पुरस्कार मिला है।
#NationalWaterAwards https://t.co/raVc1uJAzt
— Ministry of Jal Shakti 🇮🇳 #AmritMahotsav (@MoJSDoWRRDGR) January 7, 2022
11 बिंदुओं पर निरीक्षण होने के बाद मिला पहला स्थान
केंद्र सरकार ने सिंचाई, वाटर प्रबंधन, भूगर्भ जल, लघु सिंचाई और नदियों के प्रबंधन के क्षेत्र में बेहतर काम करने के आधार पर नेशनल वष्टर अवॉर्ड 2020 घोषित किया है। केंद्र सरकार की टीम 6 राज्यों के दौरे पर उत्तर प्रदेश आई थी। जहां 11 बिंदुओं पर निरीक्षण करने के बाद केंद्र सरकार की एक कमेटी ने तय किया और उसी आधार पर उत्तर प्रदेश को देश में पहला स्थान दिया गया। इसके अलावा जनपद स्तर के भी कई पुरस्कारों में उत्तर प्रदेश को पुरस्कार हासिल हुए हैं। इनमें माइक्रो इरिगेशन, ड्रिप इरिगेशन, बाढ़ प्रबंधन बंधीया और नहर निर्माण को मिलाकर जल प्रबंधन के क्षेत्र में जितने भी उत्कृष्ट काम हुए इन सभी कार्यों के आधार पर ये पुरस्कार घोषित किए गए हैं। इसलिए ये उत्तर प्रदेश के लिए बड़ा पुरस्कार है।
Uttar Pradesh has emerged as the First Prize winner in the Best State category at the 3rd National Water Awards announced today.
In 2020 itself, 164,828 water conservation structures have been built, heralding an era of water security in the state. pic.twitter.com/TXIsnGBHVf— Ministry of Jal Shakti 🇮🇳 #AmritMahotsav (@MoJSDoWRRDGR) January 7, 2022
सरकार ने 104 STP स्थापित किए
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि नदियों को प्रदेश में प्रदूषण मुक्त करने की मुख्यमंत्री योगी की मुहिम का नतीजा है कि प्रदेश की प्रमुख नदियों के जल की गुणवत्ता में ये सुधार हुए हैं। सरकार की ओर से नदियों में प्रदूषण को रोकने और जल संरक्षण की दिशा में कड़े कदम उठाए गए हैं। सरकार ने राज्य में 3298.84 MLD (मिलियन लीटर प्रतिदिन) के 104 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) स्थापित किए हैं। इस पहल से नदियों की धाराएं निर्विघ्न और शुद्ध हो गई हैं। नदियों में गिरने वाले नालों को बंद कर दिया गया है।
The winners of the 3rd National Water Awards were announced today in which Uttar Pradesh emerged as the 1st Prize winner in the Best State category.
In 2020, the state administration created additional irrigation potential of 361,060 hectares, benefitting 40 lakh farmers. pic.twitter.com/7X4qhiLQop— Ministry of Jal Shakti 🇮🇳 #AmritMahotsav (@MoJSDoWRRDGR) January 7, 2022
बुंदेलखंड और विंध्याचल में जलापूर्ति का ट्रायल रन लगभग पूरा
BJP प्रवक्ता ने बताया कि केंद्र सरकार के ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम के तहत ‘हर घर नल योजना’ के प्रथम चरण में 18 लाख से अधिक परिवारों को जलापूर्ति से जोड़ने की तैयारी पूरी कर ली है। एक बार जलापूर्ति चालू हो जाने के बाद, बुंदेलखंड और विंध्याचल क्षेत्रों के सैकड़ों गांवों में रहने वाले लाखों ग्रामीणों को उनके घरों में पीने का साफ पानी मिलेगा। जिससे जल जनित बीमारियों का खतरा भी कम हो सकेगा, जो कि पानी नहीं होने की वजह से अतीत में सामने आ चुके हैं।