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व्यावहारिक शिक्षा पर केंद्रित है नयी शिक्षा नीति : मोदी

By Rajni 

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गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नयी शिक्षा नीति को व्यावहारिक शिक्षा पर केंद्रित बताते हुए शुक्रवार (12 मई) को कहा कि पहले छात्रों को किताबी ज्ञान मिलता था लेकिन अब इससे बदलाव आएगा।

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उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को जमीनी स्तर पर लागू करने की जिम्मेदारी शिक्षकों की है। अखिल भारतीय शिक्षा संघ के 29वें द्विवार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि गूगल डेटा और सूचना दे सकता है लेकिन शिक्षकों की भूमिका छात्रों के मार्गदर्शक की होती है।

मोदी ने कहा कि आज भारत 21वीं सदी की आधुनिक आवश्यकताओं के मुताबिक नयी व्यवस्थाओं का निर्माण कर रहा है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति इसी को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। हम इतने वर्षों से स्कूलों में पढ़ाई के नाम पर अपने बच्चों को केवल किताबी ज्ञान दे रहे थे। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति उस पुरानी अप्रासंगिक व्यवस्था को परिवर्तित कर रही है।

इस प्रणाली को जमीन पर लागू की जिम्मेदारी शिक्षकों की

उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति व्यावहारिक शिक्षा पर केंद्रित है। प्रधानमंत्री ने शिक्षकों से अपील करते हुए कहा कि इस तरह की शिक्षा प्रणाली शिक्षा नीति के केंद्र में है और अब यह शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वे इस प्रणाली को जमीन पर लागू करें। उन्होंने याद किया कि कैसे उनके स्कूल के एक शिक्षक उन्हें और अन्य छात्रों को अनाज का उपयोग करके संख्याओं के बारे में बताते थे।

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शिक्षा नीति में किए गए बदलावों का जिक्र करते हुए मोदी ने छात्रों को उनकी मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा देने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि नयी नीति ने इसके लिए प्रावधान किए हैं।

मोदी ने कहा कि स्थानीय भाषाओं में दी जाने वाली शिक्षा से गांवों के प्रतिभाशाली युवाओं को शिक्षक बनने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी स्वतंत्रता के बाद, अंग्रेजी एक प्रमुख भाषा बन गई। आज भी, माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे अंग्रेजी माध्यम में पढ़ें।

नतीजतन, गांवों और गरीब परिवार की पृष्ठभूमि के प्रतिभाशाली शिक्षकों को सिर्फ इसलिए अवसर मिलना बंद हो गए। क्योंकि उन्हें कभी अंग्रेजी सीखने का मौका नहीं मिला। चूंकि नई शिक्षा नीति स्थानीय भाषाओं में शिक्षा पर जोर देता है, इसलिए यह ऐसे शिक्षकों को अवसर प्राप्त करने में भी मदद करेगी।

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