एक तरफ जहां कांग्रेस पार्टी उत्तराखंड की सत्ता में काबिज होने के लिए मशक्कत करने में जुटी है वहीं दूसरी तरफ प्रदेश की सत्ता पर काबिज भाजपा पुनः सत्ता में वापसी के लिए पूरी मजबूती से चुनावी मैदान में उतर चुकी है।
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Uttarakhand Assembly Election 2022 : देवभूमि उत्तराखंड में 14 फरवरी को विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में जैसे जैसे चुनाव के दिन नजदीक आ रहे हैं ठीक उसी प्रकार राजनीतिक पार्टियों ने अपना प्रचार प्रसार भी तेज कर दिया है। एक तरफ जहां कांग्रेस पार्टी उत्तराखंड की सत्ता में काबिज होने के लिए मशक्कत करने में जुटी है वहीं दूसरी तरफ प्रदेश की सत्ता पर काबिज भाजपा पुनः सत्ता में वापसी के लिए पूरी मजबूती से चुनावी मैदान में उतर चुकी है।
PM मोदी की 7 दिनों में 4 धुआंधार रैलियां
अब जब चुनाव की तारीखें नजदीक हैं तो ऐसे में चुनावी सरगर्मी को और तेज करने और उसमें जान फूंकने के लिए भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनाव में प्रचार प्रसार करने के लिए उतारने वाली है।
बता दें कि जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी उत्तराखंड में अगले 7 दिनों में 4 चुनावी रैलियों को वर्चुअल मध्यम से संबोधित करेंगे। यानी कि पीएम मोदी अगले 7 दिनों में 4 धुआंधार रैलियां करेंगे और उत्तराखंड की सत्ता में भाजपा को पुनः स्थापित करने के लिए जनता से अपील करेंगे।
4 फरवरी को 14 विधानसभा के लोगों को करेंगे संबोधित
पीएम मोदी की रैली को लेकर उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने बताया कि पीएम मोदी कल यानी 4 फरवरी को 5 जिलों की 14 विधानसभा के लोगों को संबोधित करेंगे। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी के कुल 4 रैलियों की अनुमति मिल गई है। लिहाजा अगले 7 दिनों में पीएम मोदी राज्य में वर्चुअल मध्यम से 7 रैलियों को संबोधित करेंगे।
भाजपा राष्ट्रिय अध्यक्ष जेपी नड्डा आज करेंगे डोर टू डोर प्रचार
इसको लेकर जल्द ही पार्टी द्वारा प्रचार कार्यक्रमों की तिथि और स्थान तय कर दिए जायेंगे। इसके अलावा जोशी ने बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी इन दिनों उत्तरकाशी और रामनगर में डोर टू डोर प्रचार और जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके आलावा हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और प्रहलाद जोशी भी उत्तराखंड में पार्टी के लिए प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं।
चुनाव आयोग ने बड़ी रैलियों पर लगाई है रोक
बता दें कि कोरोना महामारी के चलते चुनाव आयोग ने फिलहाल बड़ी और सामूहिक जनसभा और रैलियों पर प्रतिबंध लगाया है। चुनाव आयोग ने सिर्फ डोर टू डोर कैंपेन और सीमित लोगों की भीड़ के साथ प्रचार प्रसार करने की अनुमति दी है। यही कारण है कि राजनीतिक पार्टियां इन दिनों ज्यादातर वर्चुअल मध्यम का प्रयोग कर चुनाव के प्रचार प्रसार का काम कर रहे हैं।