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लूप लाइन पर चली गई थी कोरोमंडल एक्सप्रेस, रेलमंत्री बोलें- दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, सामने आई भीषण रेल हादसे की वजह

By Rajni 

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बालासोर (उड़ीसा)। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण दुर्घटना हुई है। उन्होंने बताया कि रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने घटना की जांच की है। हादसे के कारण का पता लग गया है। इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान भी कर ली गई है। दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।

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उन्होंने कहा कि कल प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों पर तेजी से काम चल रहा है। कल रात एक ट्रैक काम लगभग पूरा हो गया। रविवार को एक ट्रैक की पूरी मरम्मत करने की कोशिश रहेगी। सभी डिब्बों को हटा दिया गया है। मलबा हटाने के लिए करीब एक हजार मजदूरों को लगाया गया है।

ओडिशा के बालासोर के बहनागा बाजार में शुक्रवार को हुए रेल हादसे में मृतकों की संख्या 288 तक पहुंच गई है। 1175 घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया, इनमें से 793 को छुट्टी दे दी गई और 382 का इलाज चल रहा है। रेलवे ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख, गंभीर रूप से घायलों को दो लाख और अन्य घायलों को 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।

लूप लाइन पर कोरोमंडल एक्स.की टक्कर पहले से खड़ी मालगाड़ी से हो गई

प्रारंभिक जांच में पता चला है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस बहनगा बाजार स्टेशन से पहले मुख्य के बजाय लूप लाइन पर चली गई थी, जहां उसकी टक्कर पहले से खड़ी मालगाड़ी से हुई। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के मुताबिक कोरोमंडल एक्सप्रेस के लिए अप मेनलाइन का सिग्नल दिया गया था फिर बाद में हटा लिया गया। इससे ट्रेन लूप लाइन में घुस गई।

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मालगाड़ी से टकराने के बाद उसके कुछ कोच पटरी से उतर गए। इस बीच बंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस डाउन मेन लाइन से गुजरी और उसके दो डिब्बे पटरी से उतरे कोरोमंडल एक्सप्रेस के कोच से टकराने के बाद पलट गए।

अधिकारियों ने बताया कि 1,200 कर्मियों के अलावा 200 एंबुलेंस, 50 बस और 45 मोबाइल स्वास्थ्य यूनिट दुर्घटनास्थल पर काम कर रहीं थीं। वायुसेना ने गंभीर रूप से घायल यात्रियों को बाहर निकालने के लिए डॉक्टरों की टीम के साथ दो एम-आई हेलिकॉप्टर भी तैनात किए थे।

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