रामानंद सागर की रामायण में राम का किरदार निभाने वाले एक्टर अरुण गोविल ने भी अपनी चुप्पी तोड़ दी है। अरुण गोविल ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि रामायण हमारे लिए एक अस्था का विषय है। उसके स्वरूप के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ की जाए, ये अस्वीकार्य है।
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मुंबई। पिछले कई दिनों से प्रभास, सैफ और कृति सेनन की फिल्म ‘आदिपुरुष’ रिलीज होने के साथ ही विवादों में घिर गई है। फिल्म में दर्शकों ने डायलॉग और ग्राफिक्स को लेकर कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं।
लोग अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। इस फिल्म के आने से सोशल मीडिया पर मैम्स की बाढ़ आ गई है। अब फिल्म पर रामानंद सागर की रामायण में राम का किरदार निभाने वाले एक्टर अरुण गोविल ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
अरुण गोविल ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि रामायण हमारे लिए एक अस्था का विषय है और उसके स्वरूप के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ की जाए, ये अस्वीकार्य है।
अरुण ने कहा कि रामायण को लेकर आधुनिकता और पौराणिकता की बात कहना गलत है। फिल्म के स्पेशल इफेक्टस की बात अलग है। यहां बात चरित्रों को सही तरीके से पेश करने की है और उसी को लेकर कई बातें कहीं जा रही हैं, जो चिंतनीय है।
‘मेकर्स ने क्रिएटिव लिबर्टी ली’
अरुण ने कहा कि राम-सीता-हनुमान को आधुनिकता और पौराणिकता के ढांचे में बांटना गलत है। ये सभी आदि भी हैं, अनंत हैं और इन सबके स्वरूप पहले से तय हैं। तो उसी स्वरुप को फिल्म में दिखाने में क्या आपत्ति थी और मूल भावना से छेड़छाड़ कर मेकर्स क्या साबित करना चाहते थे।
अगर मेकर्स ने बच्चों के लिए ये फिल्म बनाई है तो बच्चों से पूछिए क्या उन्हें ये फिल्म पसंद आई है या नहीं ?। साथ ही उन्होंने कहा कि जहां तक फिल्म के संवादों की बात है कि मुझे इस तरह की भाषा अच्छी नहीं लगती है।
मैं हमेशा मर्यादित भाषा का इस्तेमाल करता हूं और ऐसे में रामायण में इस तरह की भाषा का मैं समर्थन नहीं करता हूं। साथ ही रामायण को हॉलीवुड से प्ररित होकर कार्टून फिल्म की तरह इस पेश करना।किसी भी तरह से हजम होने वाली बात नहीं है। फिल्म के रिसर्च की बात है तो मेकर्स ने क्रिएटिव लिबर्टी ली है, लेकिन अगर वो फिल्म में अपना नया इनपुट डालना चाहते थे तो ये ठीक साबित नहीं है।
‘मेकर्स ने क्या सोचकर फिल्म बनाई’
इसके साथ ही अरुण गोविल ने ये भी कहा कि फिल्म का पहला टीजर सामने आने के बाद मेरी मेकर्स से बात हुई थी। उन्होंने अपनी राय उस वक्त उन्हें बता दी थी। उन्होंने मेरी ओपिनियन मांगी थी तो उन्हें मैंने बता दिया था जो मैं यहां नहीं बताना चाहता हूं।
अरुण ने आगे कहा कि समझ नहीं आया कि मेकर्स ने क्या सोचकर ये फिल्म बनाई है। साथ ही उन्होंने फिल्म की कास्ट के बारे में बात करते हुए कहा कि इसमें कलाकारों की गलती नहीं होती है। उनका किरदार और स्वरुप मेकर्स द्वारा तय किया जाता है।