Booking.com

राज्य

  1. हिन्दी समाचार
  2. क्षेत्रीय
  3. Ranchi Violence : सहारनपुर में लिखी गई रांची के दंगों की पटकथा

Ranchi Violence : सहारनपुर में लिखी गई रांची के दंगों की पटकथा

Jharkhand News : रांची में हुए दंगों की पटकथा उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में लिखी गई। इसका खुलासा होते ही खुफिया एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। रांची के मेन रोड में हुई हिंसक घटना की इबारत चार से सात जून के बीच लिखी गई।

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

रांची, 12 जून। झारखंड की राजधानी रांची में हुए दंगों की पटकथा उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में लिखी गई। इसका खुलासा होते ही खुफिया एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। रांची के मेन रोड में हुई हिंसक घटना की इबारत चार से सात जून के बीच लिखी गई। इसके बाद रांची में खूनी खेल खेला गया। सहारनपुर से पहुंचे 12 फिरकापरस्त लोगों ने दंगों की चिंगारी भड़काई और देखते ही देखते शहर हिंसा की लपटों में घिर गया।

पढ़ें :- झारखंडः CM हेमंत सोरेन ने बोला हमलाः कहा- 'मैं आंसू नहीं बहाऊंगा', अपनी गिरफ्तारी पर राजभवन को भी लपेटा

सहारनपुर से 12 लोगों में से कुछ चार और कुछ सात जून को रांची पहुंचे। यह सभी मेन रोड स्थित होटल और लॉज में ठहरे। यहां तीन टीमें बनीं। एक टीम खूंटी गई। वहां से लौटकर इलाही नगर, हिंदपीढ़ी और गुदड़ी में लोगों को जुलूस निकालने और हिंसा करने के लिए भड़काया। इन शातिर दिमाग लोगों ने यहां अपने समुदाय के लोगों के जेहन में जहर घोला। दुहाई दी कि यूपी में कौम को परेशान किया जा रहा है। इसलिए एकजुट होकर ताकत दिखानी है। तय किया गया कि पूरे देश में नमाज के बाद प्रदर्शन होंगे। यहां भी पूरी मजबूती के साथ प्रदर्शन करने हैं। सभी मस्जिदों से जुलूस निकालने हैं।

इस साजिश की भनक लगते ही एदार-ए-शरीया और इमारत-ए-शरीया ने आह्वान किया कि नमाज के बाद जुलूस नहीं निकलेगा। प्रदर्शन नहीं होगा। इसलिए नमाज पढ़कर घर जाएं। सहमति नहीं बनी। कुछ लोगों ने आपत्ति की तो टीम ने 16 से 24 साल के युवाओं को बहकाना शुरू कर दिया। वे इनके झांसे में आ गए और उपद्रव की जमीन तैयार हो गई। हिंसा के पीछे एक झामुमो कार्यकर्ता और पानी व्यवसायी का नाम भी आ रहा है। वाट्सएप ग्रुप में फिर मैसेज चला कि हमें प्रदर्शन करना है। नमाज के बाद बड़ी संख्या में लोग बिना अनुमति के ही फिरायालाल चौक की ओर बढ़ने लगे। पुलिस ने रोका तो भीड़ उग्र हो गई।

दुकानें बंद कराई, ईट-पत्थर जुटाए

उत्तरप्रदेश से आई टीम और कुछ स्थानीय लोगों ने नौ जून को ही दुकानदारों को दुकानें बंद रखने के लिए तैयार कर लिया, ताकि प्रदर्शन में ज्यादा लोग शामिल हो सकें और उनके दुकानों को नुकसान भी न हो। ईंट-पत्थर भी जुटा लिए गए। उसे तोड़कर कई स्थानों पर रख गया, ताकि छोटी ईंट दूर तक फेंकी जा सके। इस पूरी घटना से सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि मेन रोड जैसे व्यस्त और भीड़-भाड़ वाले इलाके में इतनी बड़ी संख्या में पत्थर आखिर कहां से आये।

पढ़ें :- यूपीः चंदौली में पुरानी रंजिश में धारदार हथियार से युवक की हत्या, सनसनी

भाजपा की निलंबित नेता नूपुर शर्मा के विवादित बयान को लेकर शुक्रवार को डेली मार्केट की लगभग तीन हजार से अधिक छोटी-बड़ी दुकानों को बंद रखने का फैसला पहले ही कर लिया गया था। इसी दौरान यह भी तय हुआ था कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद दुकानदार प्रदर्शन करेंगे। जैसे ही जुमे की नमाज खत्म हुई, 17 से 25 साल के युवकों का एक हुजूम एकरा मस्जिद से निकला और सड़क पर प्रदर्शनकारियों की भीड़ में शामिल हो गया।

हल्के वजन के पत्थरों का किया गया इस्तेमाल

भीड़ में शामिल उपद्रवियों ने जिन पत्थरों का इस्तेमाल किया, वे आकार में बड़े लेकिन वजन में हल्के थे। वैसे पत्थर आसानी से नहीं मिलते। जिस इलाके में पत्थरबाजी हुई है, वह बिल्डिंगों से घिरा इलाका है। सड़क के दोनों तरफ बड़ी-बड़ी दुकानें और भवन हैं। वहां आसपास न तो कोई निर्माण कार्य चल रहा है और न कोई निर्माणाधीन इमारत है। ऐसे में पत्थरों का इतनी अधिक मात्रा में एक साथ निकलना बड़ा सवाल खड़ा करता है।

जुलूस में शामिल थे पांच हजार से अधिक लोग

एकरा मस्जिद से नमाज के बाज प्रदर्शनकारी पहले डोरंडा की तरफ बढ़े लेकिन बाद में उन्होंने अल्बर्ट एक्का चौक का रुख कर लिया। हाथों में इस्लामिक झंडा लिए हुए पांच हजार से अधिक लोग प्रदर्शनकारियों में शामिल थे। जुलूस जैसे ही मेन रोड स्थित मल्लाह टोली के मुहाने पर पहुंचा, प्रदर्शनकारी उग्र हो गये। सबसे पहले उन्होंने वहां तैनात पुलिसकर्मियों के साथ झड़प की ।इस बीच प्रदर्शनकारियों के समर्थन में उन इलाकों में पुलिस पर छतों से भी पत्थर फेंके गये।

पढ़ें :- शूटर तारा शाहदेव मामले में आरोपी रकीबुल को सजा, हाईकोर्ट ने 50 हजार का लगाया जुर्माना, मां कौशल रानी को 10 साल की सजा

डेली मार्केट के पास दोबारा पुलिस और उपद्रवियों में झड़प हुई। डेली मार्केट थाना प्रभारी का सिर फट गया। उनके सिर से लगातार खून निकल रहा था। उन्हें मोटरसाइकिल से अस्पताल ले जाया गया। यहां तक रांची एसएसपी सुरेंद्र झा भी उपद्रवियों का निशाना बने। वह भी पत्थरबाजों का शिकार बने। चोट लगने के बाद उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।

मंदिर को बनाया गया निशाना

हिंसक भीड़ पर जब पुलिस ने लाठीचार्ज और हवाई फायरिंग करनी शुरू की, तब उपद्रवियों ने मेन रोड के संकटमोचन महावीर मंदिर को निशाना बनाया। मंदिर के अंदर पत्थर फेंककर प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने की कोशिश की गयी। वहां मौजूद पुजारी पर भी पत्थर चलाए गए। पुजारी महावीर ने बताया कि उपद्रवी ऊपर के तल्ले तक पत्थर फेंक रहे थे। उनकी बांह में एक पत्थर लगा। मंदिर के सामने नारियल और प्रसाद की दुकानों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया।

इधर, घटना में घायल लोग जिस हॉस्पिटल में भर्ती रहे वहां से उनकी जानकारी पुलिस इकट्ठा कर रही है। साथ ही उसके आधार पर उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने की तैयारी में है।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook, YouTube और Twitter पर फॉलो करे...
Booking.com
Booking.com
Booking.com
Booking.com