मामले में सुनवाई अगले हफ्ते शुक्रवार को होगी। अगली सुनवाई के दौरान मामले की जांच से जुड़ी पूरी रिपोर्ट मांगी गई है।
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रांची, 29 जुलाई। शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट में 10 जून को रांची में हुई हिंसा मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने NIA से मामले में अबतक की गई जांच की रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में पेश करने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने NIA से पूछा कि क्या वो इस केस की जांच करने को तैयार है। कोर्ट ने रांची के SSP सुरेंद्र कुमार झा और उस समय के डेली मार्केट थाना प्रभारी के तबादले पर भी सवाल उठाए। मामले में DGP और गृह सचिव को काउंटर फाइल करने के निर्देश दिए गए हैं।
SHO और SSP का ट्रांसफर
वहीं कोर्ट में अधिवक्ता राजीव कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि 10 जून को रांची में हुई हिंसा के दौरान तत्कालीन रांची SSP सुरेंद्र कुमार झा ने फ्रंट पर रहकर मोर्चा संभाला था और दंगे को कंट्रोल करने में बड़ी भूमिका निभाई थी। उस वक्त हिंसा के दौरान वो जख्मी भी हुए थे। उनके जख्मी होने की तस्वीरों को मीडिया में खूब चर्चा मिली थी। उसी तरह रांची के मेन रोड पर डेली मार्केट थाना प्रभारी के काम की भी जमकर तारीफ हुई थी। लेकिन हाल ही में दोनों अधिकारियों का तबादला कर दिया गया था।
जांच से जुड़ी पूरी रिपोर्ट मांगी गई
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने तबादले पर सवाल उठाते हुए राज्य के DGP और गृहसचिव को काउंटर फाइल कर तबादले के कारण पूछे हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने व्हाट्सएप ग्रुप चलाने वाले सलीम चिश्ती के बारे में भी पूरी जानकारी मांगी गई है। मामले में सुनवाई अगले हफ्ते शुक्रवार को होगी। सुनवाई के दौरान मामले की जांच से जुड़ी पूरी रिपोर्ट मांगी गई है।
झारखंड HC में दायर हुई थी जनहित याचिका
गौरतलब है कि रांची हिंसा की जांच की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता पंकज कुमार यादव ने झारखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में रांची में हुई हिंसा को सुनियोजित बताया गया था। साथ ही पूरे मामले की जांच NIA से कराने की मांग की गई थी। इसके अलावा याचिका में हिंसा को लेकर फंडिंग का भी जिक्र किया गया था।