अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले दो बड़े शालिग्राम पत्थर नेपाल के काली गंडकी नदी से अयोध्या पहुंच चुके हैं.पत्थरों को अयोध्या के राम सेवक पुरम में रखा गया है. श्रीराम जन्म भूमि मंदिर का निर्माण कार्य प्रगति पर है.उत्तर-प्रदेश के गोरखपुर मंदिर से गुरुवार को अयोध्या पहुंचे.
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Ayodhya:अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले दो बड़े शालिग्राम पत्थर नेपाल के काली गंडकी नदी से अयोध्या पहुंच चुके हैं.पत्थरों को अयोध्या के राम सेवक पुरम में रखा गया है. श्रीराम जन्म भूमि मंदिर का निर्माण कार्य प्रगति पर है.उत्तर-प्रदेश के गोरखपुर मंदिर से गुरुवार को अयोध्या पहुंचे.
मिली जानकारी के अनुसार श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा कि 2 फरवरी को रात 10:30 बजे पूजा के लिए पत्थर खुले रहेंगे. अयोध्या पहुंचने से पहले जिस तरह कई-कई टन वजनी इन जुड़वा पत्थर की शिलाओं को कई जगहों पर प्रदर्शित किया गया, उसे ‘रामचरितमानस’ विवाद के संदर्भ में भी समझा जा सकता है.
यात्रा के लिए 26 टन और 14 टन वजनी पत्थरों को दो ट्रेलरों पर लादा गया था. एक तरफ विपक्ष रामचरितमानस पर सवाल उठाकर और पिछड़ी जातियों की जनगणना की मांग कर मंडल की राजनीति को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहा है. वहीं BJP राम मंदिर और उससे जुड़े प्रतीकों के माध्यम से हिंदुत्व की भावना को मजबूत बनाए रखने की उम्मीद में है.
ऐतिहासिक रूप से, ‘शिला पूजन’, ‘कार सेवा’ आदि आयोजन जातिगत चेतना को कमजोर करने और हिंदू पहचान गढ़ने के सफल तंत्र रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि शुरुआत में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भी गुरुवार को अयोध्या पहुंचने की उम्मीद थी. हालांकि, ऐसा माना जाता है कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में ‘विकास’ पर अधिक ध्यान देने के कारण वह अनुपस्थित रहे. अगले साल जनवरी तक राम मंदिर के खुलने की संभावना के साथ 2024 के चुनावों में यह महत्वपूर्ण मुद्दा रहेगा