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झारखंड हाईकोर्ट ने माइनिंग लीज और शेल कंपनियों में निवेश की याचिका को बताया मेंटेनेबल, 10 जून को होगी सुनवाई

Jharkhand HighCourt : झारखंड हाईकोर्ट में आज का दिन बेहद अहम था। कोर्ट में आज याचिका की मेंटेनेबलिटी पर फैसला लिया गया। अब 10 जून को होगी दोनों मामलों पर सुनवाई।

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

रांची, 3 जून 2022 : Jharkhand Shell Company Case – झारखंड हाईकोर्ट ने आज शेल कंपनियों में निवेश के मामले पर फैसला सुनाया। शेल कंपनियों में निवेश की सीबीआई जांच के लिए दाखिल की गई याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई की गई। अदालत ने जनहित याचिका को स्वीकार करते हुए मेंटेनबिलिटी की बिंदु पर सरकारी पक्ष द्वारा दी गई दलीलों को खारीज कर दिया। अब कोर्ट ने माइनिंग लीज और शेल कंपनियों में निवेश की याचिका दोनों को मेंटेनेबल बताया है। हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने इस मामले पर सुनवाई की।

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अदालत ने मेंटेनेबलिटी को स्वीकार करते हुए 10 जून को दोनों याचिका को मैरिट पर सुनवाई करने का फैसला किया है। शुक्रवार को सुनवाई फीजिकल मोड कर की जाएगी। सरकार की ओर से इस मामले के लिए अधिक समय की मांग की गई थी। जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया।

झारखंड हाई कोर्ट ने झारखंड सरकार के दलील को खारिज किया और कहा की यह PIL सुनने योग्य है । गौरतलब है कि सरकार ने पीआईएल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में SLP दायर की थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट को निर्देश दिया था कि पीआईएल की मेंटेबलिटी पर सुनवाई करे।

सरकार ने याचिका को खारिज करने की रखी थी मांग

पिछली सुनवाई के समय राज्य सरकार के वकील की ओर से जनहित याचिका की मेंटेनबिलिटी पर कई सवाल खड़े करते हुए कहा था कि याचिका को खारिज कर दिया जाए और इस पर आगे सुनवाई न की जाए। लेकिन अब कोर्ट ने याचिका को सुनने योग्य करार दिया है।

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शेल कंपनी की आड़ में हुई मनी लांड्रिंग

याचिकाकर्ता व ईडी का मानना है कि राज्य में शेल कंपनियों की आड़ में मनी लांड्रिंग की गई है। अवैध रूप से संपत्ति बनाने वालों की जांच करने से सरकार को आपत्तिय नहीं होनी चाहिए। यदि जनहित याचिका दायर करने के नियमों की अनदेखी हुई है तो ऐसे में भी न्याय को बाधित नहीं किया जाना चाहिए।

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