केशव देव मौर्य ने कहा कि समाजवादी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर आरोप लगाया कि दबाव डालने वालों को वो राज्यसभा और विधानसभा भेज रहे हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश बात तक नहीं करते हैं। अब सपा को हमारी जरूरत नहीं है, इसलिए अलग हो रहा हूं।
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लखनऊ, 8 जून। उत्तर प्रदेश में एक बार फिर राजनीतिक हलचल बढ़ने लगी है। इस बीच महान दल ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन खत्म करने का ऐलान कर दिया है। महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने गठबंधन तोड़ने की घोषणा करते हुए समाजवादी पार्टी पर उपेक्षा का आरोप लगाया है।
अखिलेश मुझसे बात भी नहीं करते- केशव देव मौर्य
बतादें कि MLC सीट नहीं मिलने से केशव देव मौर्य काफी नाराज चल रहे थे। उन्होंने समाजवादी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर आरोप लगाया कि दबाव डालने वालों को वो राज्यसभा और विधानसभा भेज रहे हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश बात तक नहीं करते हैं। अब सपा को हमारी जरूरत नहीं है, इसलिए अलग हो रहा हूं। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव चटुकारों से घिरे हैं और उन्हें जमीनी कार्यकर्ताओं की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरी उपेक्षा की गई है। वो मुझसे बात भी नहीं करते हैं।
सपा में मेरी सिर्फ उपेक्षा की गई- मौर्य
केशव देव मौर्य ने कहा कि विधानसभा चुनाव में महान दल को सिर्फ दो सीटें दी गईं और वो भी सपा के चिन्ह पर। उन्होंने कहा कि मैंने अखिलेश यादव से कहा था कि लोकसभा सीट पर मुझे एटा या फर्रुखाबाद से लड़वाया जाए, लेकिन उन्होंने मेरी नहीं सुनी। फर्रुखाबाद का प्रभारी सपा ने हमारे ही समाज के एक नेता को बना दिया। मेरी सिर्फ उपेक्षा की गई है।
स्वामी प्रसाद मौर्य सपा प्रमुख की कठपुतली- केशव मौर्य
वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य से भी केशव देव मौर्य काफी नाराज चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य पहले बसपा में थे, फिर BJP में चले गए और फिर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। ऐसा व्यक्ति जो पार्टी बदलता रहे उसको क्या कहेंगे आप?, लेकिन अखिलेश उन पर मेहरबान हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव जैसा कहते हैं स्वामी प्रसाद मौर्य वैसा ही करते हैं। उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य सपा प्रमुख की कठपुतली हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में विधान परिषद चुनाव को लेकर सियासी हलचल काफी तेज है। नामांकन की आखिरी तारीख 9 जून है। इस बीच ऐसी खबरें आ रही थीं कि समाजवादी पार्टी बाहर के किसी नेता को उम्मीदवार नहीं बनाएगी। इसके बाद से ही सपा गठबंधन में दरार आने लगी थी।