कोर्ट ने कहा कि सभी प्रवासी मजदूरों को रियायती खाद्यान्न देने के लिए राशन कार्ड दिए जाने चाहिए और इसे कैसे लागू किया जाए, सुप्रीम कोर्ट ने इस पर केंद्र सरकार से सुझाव मांगा है।
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नई दिल्ली, 21 जुलाई। सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों की समस्या पर सुनवाई करते हुए कहा कि ये चिंता का विषय है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के बावजूद लोग अभी भी भूख से मर रहे हैं, जबकि कई बार कहा गया है कि देश में कोई भी नागरिक भूख से ना मरे। सरकारों को उन्हें भोजन उपलब्ध कराने का काम करना चाहिए।
देश में दो व्यक्ति महत्वपूर्ण- पहला किसान और दूसरा प्रवासी मजदूर
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी प्रवासी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन जरूरी है, ताकि वो केंद्र और राज्यों की जनकल्याणकारी योजनाओं का फायदा उठा सकें। उन्हें सब्सिडी पर खाद्यान्न मुहैया हो, इसके लिए उन्हें राशन कार्ड उपलब्ध कराए जाए। सरकार ये सब कैसे सुनिश्चित करेगी, इस पर कोर्ट ने जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि सभी प्रवासी मजदूरों को रियायती खाद्यान्न देने के लिए राशन कार्ड दिए जाने चाहिए और इसे कैसे लागू किया जाए, सुप्रीम कोर्ट ने इस पर केंद्र सरकार से सुझाव मांगा है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि हमारे देश में दो व्यक्ति महत्वपूर्ण है, पहला किसान और दूसरा प्रवासी मजदूर।