उत्तर प्रदेश विधान परिषद के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। पहले दिन सोमवार को समाजवादी पार्टी सदस्यों के हंगामे के कारण कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। सपा ने मणिपुर समेत पूरे देश में महिलाओं के उत्पीड़न का मुद्दा उठाया।
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान परिषद के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया। पहले दिन सोमवार को समाजवादी पार्टी सदस्यों के हंगामे के कारण कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। सपा ने मणिपुर समेत पूरे देश में महिलाओं के उत्पीड़न का मुद्दा उठाया।
सोमवार सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा होने लगा। कार्यवाही के दौरान सपा सदस्य नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि मणिपुर की घटना को लेकर पूरा देश शर्मसार है। प्रदेश में हत्या, डकैती, लूट और महिलाओं के साथ लगातार छेड़छाड़ की घटनाएं हो रही हैं। सभापति ने कहा कि वह शून्य काल में इस मुद्दे को सुनेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रश्न प्रहर भी विपक्ष का ही होता है। अगर आपको सरकार से अपने प्रश्नों के उत्तर नहीं चाहिए तो किसी को कोई आपत्ति नहीं है। इसके बाद सपा के सदस्य हाथों में तख्ती लिए नारेबाजी करते हुए सदन के बीचोबीच आ गए। सभापति ने सपा सदस्यों से अपने-अपने स्थान पर जाने का आग्रह किया लेकिन हंगामा होते देख उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। जिसके कारण प्रश्नकाल नहीं हो सका।
महिला उत्पीड़न बंद करो के लगाए गए नारे
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई लेकिन सपा के सदस्य आसन के नजदीक पहुंच गए। सपा के सदस्य एक बार फिर सदन के बीचोबीच आकर महिला उत्पीड़न बंद करो के नारे लगाने लगे। सपा सदस्य मणिपुर की घटना पर निंदा प्रस्ताव स्वीकार करने की मांग करते हुए नारेबाजी करते रहे। इस पर सभापति ने सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी।
स्थगन अवधि के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होने पर सपा के सदस्य फिर आसन के समीप आ गए और नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिये स्थगित कर दी।