Time Magazine's Person Of The Year: टाइम ने लिखा है कि राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपनी सुरक्षा की परवाह न करते हुए खुद को पूरी तरह से युद्ध में झोंक रखा है. वे लगातार सैनिकों के बीच जाते है. अपने देश में ट्रेन से सफर करते हैं और इस सफर के दौरान भी जंग की अपडेट पर नजर रखते हैं.
Updated Date
टाइम मैग्जीन ने बुधवार को पर्सन ऑफ द ईयर 2022 का ऐलान किया. मैग्जीन ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की और “यूक्रेन की आत्मा” को अपना 2022 पर्सन ऑफ द ईयर नामित किया है. यह पुरस्कार उस घटना या व्यक्ति को दिया जाता है जिसका पिछले 12 महीनों में वैश्विक घटनाओं पर सबसे अधिक प्रभाव रहा हो. अन्य फाइनलिस्ट में ईरान, चीन के नेता शी जिनपिंग और यूएस सुप्रीम कोर्ट में प्रदर्शनकारी शामिल थे.
टाइम के एडिटर इन चीफ एडवर्ड फेलसेंथल ने लिखा कि, “चाहे यूक्रेन के लिए लड़ी जा रही लड़ाई किसी को उम्मीद से भर दे या डर से, वलोडिमिर जेलेंस्की ने दुनिया को इस तरह से प्रेरित किया जैसा हमने दशकों में नहीं देखा.” उन्होंने कहा कि यूक्रेनी राष्ट्रपति को चुनने का निर्णय सबसे स्पष्ट था.
TIME's 2022 Person of the Year: Volodymyr Zelensky and the spirit of Ukraine #TIMEPOY https://t.co/06Y5fuc0fG pic.twitter.com/i8ZT3d5GDa
— TIME (@TIME) December 7, 2022
जेलेंस्की पिछले 9-10 महीनों से यूक्रेन की उस जंग में लीड कर रहे हैं जहां उनके सामने प्रतिद्वंदी ताकत और तेवर में उनसे कई गुणा बड़ा है. फिर भी जेलेंस्की अपनी सेना का मनोबल कभी गिरने नहीं देते. टाइम ने लिखा है कि राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपनी सुरक्षा की परवाह न करते हुए खुद को पूरी तरह से युद्ध में झोंक रखा है. वे लगातार सैनिकों के बीच जाते है. अपने देश में ट्रेन से सफर करते हैं और इस सफर के दौरान भी जंग की अपडेट पर नजर रखते हैं.
पिछले साल एलन मस्क को मिला था ये पुरस्कार
यूक्रेन ने साहस दिखाते हुए सरेंडर करने से इनकार कर दिया है और रूस का सामना कर रहे हैं. इस जंग में अब तक दोनों ओर से सैंकड़ों लोगों की जान जा चुकी है. टेस्ला के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) एलन मस्क (Elon Musk) को 2021 में टाइम का “पर्सन ऑफ द ईयर” चुना किया गया था. 2021 में उनकी इलेक्ट्रिक कार कंपनी को दुनिया में सबसे मूल्यवान कार निर्माता बनते देखा गया था. टाइम (TIME) ने इस अवॉर्ड की शुरुआत 1927 में की थी.
पिछले एक दशक में विजेता
2021 – एलन मस्क
2020 – जो बिडेन और कमला हैरिस
2019 – ग्रेटा थनबर्ग
2018 – “द गार्जियन्स”, जमाल खशोगी सहित पत्रकारों का एक समूह
2017 – “द साइलेंस ब्रेकर्स”, वो महिलाएं जिन्होंने #MeToo आंदोलन शुरू किया
2016 – डोनाल्ड ट्रम्प
2015 – एंजेला मर्केल
2014 – “इबोला फाइटर्स”, मेडिक्स जिन्होंने अफ्रीका में प्रकोप को रोकने के लिए संघर्ष किया
2013 – पोप फ्रांसिस
2012 – बराक ओबामा