यूपी विधानसभा सत्र : विधानसभा में सपा के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय ने कहा कि स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव देश के बड़े समाजवादी नेता थे. सदन में सोमवार को उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद कोई काम न हो.साथ ही कहा कि प्रदेश में बड़ी गंभीर समस्याएं हैं, जिन पर चर्चा किया जाना आवश्यक है.
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उत्तर प्रदेश विधानमंड़ल का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होगा. विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सभी दलों से सहयोग मांगा. सर्वदलीय बैठक में सपा ने न्यूनतम सात दिन तक सत्र चलाने की मांग रखी. साथ ही कहा कि पहले दिन पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ‘नेताजी’ को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दिया जाए. माना जा रहा है कि सोमवार को अनुपूरक बजट प्रस्तुत करने के बाद सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी जाएगी इसमें राज्य सरकार वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए पहला अनुपूरक बजट 50 हजार करोड़़ रुपये से अधिक का पेश करेगी. इसके साथ ही राज्य सरकार कुछ विधायी कार्य कर सकती है और राज्य विधानमंड़ल के मानसून सत्र के बाद प्रख्यापित अध्यादेशों को भी पेश कर सकती है.
बजट सत्र से पहले कैबिनेट की बैठक
यूपी विधानसभा मंडल के तीन दिवसीय बजट सत्र की शुरुआत से पहले सोमवार सुबह 9:30 बजे योगी आदित्यनाथ के आवास पर कैबिनेट की बैठक होगी. कैबिनेट में सदन चलाए जाने को लेकर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक में मंथन किया जाएगा. निकाय चुनाव की आचार संहिता लगने से ठीक पहले शुरू हुए तीन दिवसीय विधानमंडल दल का बजट चुनावी भी होगा. मुख्यमंत्री, दोनों डिप्टी सीएम समेत योगी सरकार की पूरी कैबिनेट मौजूद रहेगी.
गन्ना मूल्य और बिजली समस्या को लेकर सदन में हुंकार भरेंगे रालोद विधायक
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में रालोद विधायक किसानों की समस्या को जोरशोर से उठाने की तैयारी कर रहे हैं. खास तौर से गन्ना मूल्य और बिजली समस्या जैसे मुद्दों पर फोकस रखा जाएगा. रालोद विधायक दल के नेता राजपाल बालियान ने कहा कि किसानों के काफी मुद्दे अभी जस के तस ही हैं. सरकार ने बिजली की दरों को आधा करने की बात कही थी पर नलकूपों पर लगाए जा रहे मीटरों ने किसानों की नींद उड़ा दी है. ये कई गुना बिल दर्शा रहे हैं जिन्हें अदा करना किसानों के लिए मुश्किल हो रहा है. इसके अलावा गन्ना मूल्य में कम से कम 50 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्घि की मांग की जाएगी. उन्होंने कहा कि दुर्घटनाएं क्या ट्रैक्टर ट्राली से ही होती हैं. बस व ट्रकों से नहीं। क्या उन पर रोक लगाई गई? यदि नहीं तो फिर ट्रैक्टर ट्राली पर क्यों? यह मामला सदन में उठेगा.