शिवपाल यादव इन दिनों खुद को अपने-आपको ठगा महसूस कर रहे हैं। इसका कारण है कि समाजवादी पार्टी ने 15 सीटें देने की बात कहकर सिर्फ एक सीट पर सिमटा दिया।
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UP Assembly Election : समाजवादी पार्टी के साथ शिवपाल यादव इस समय बहुत सहज नहीं हैं। वे अपने-आपको ठगा महसूस कर रहे हैं। इसका कारण है कि समाजवादी पार्टी ने 15 सीटें देने की बात कहकर सिर्फ एक सीट पर सिमटा दिया, जबकि उनकी भाजपा के साथ 20 सीटों पर बात हो चुकी थी। छह सीटों की सूची तो शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव को सौंप भी दी थी, जिस पर उनकी स्वीकारोक्ति भी मिल गयी थी।
भाजपा के साथ शिवपाल यादव की 20 सीटों पर हुई थी बात
प्रसपा के विश्वसनीय सूत्र के अनुसार पहले भाजपा के साथ शिवपाल यादव की 20 सीटों पर बात हुई थी। भाजपा के साथ अंतिम दौर की बात के बाद जिस दिन उन्हें जाना था, उसी से दो दिन पूर्व अखिलेश यादव को जानकारी हुई और वे लाव-लश्कर के साथ शिवपाल यादव के आवास पर पहुंच गये। इसके बाद शिवपाल के पत्नी और बच्चे ने दूसरी जगह उन्हें जाने से रोक दिया। शिवपाल की बिना संयुक्त प्रेसवार्ता के समाजवादी पार्टी में जाने की इच्छा नहीं थी लेकिन पत्नी और बच्चे के आगे उन्हें झुकना पड़ा और अपने परिवार के साथ ही रहने का फैसला किया।
अखिलेश यादव ने 15 सीटें अंतिम तौर पर देने का किया था वादा
उस बैठक में अखिलेश यादव ने 15 सीटें अंतिम तौर पर देने का वादा किया था। इसी के बाद शिवपाल यादव ने भाजपा में जाने की बात की मीडिया में चल रही अटकलों का खंडन किया और समाजवादी पार्टी के साथ ही बने रहने की बात कही, लेकिन वे इसकी घोषणा करने के बाद पत्नी और बच्चों के कहने पर फंस गये। फिर वे कई बार अखिलेश यादव से बात करने की कोशिश करते रहे लेकिन एक-एक कर उनके द्वारा मांगी गयी सीटों पर ही समाजवादी पार्टी टिकट देती गयी।
शिवपाल यादव की अंतिम उम्मीद भी हुई खत्म
शिवपाल यादव द्वारा दी गयी सूची में सबसे ऊपर सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र से शारदा प्रसाद शुक्ल का था। जब वहां से भी समाजवादी पार्टी ने अभिषेक मिश्रा को टिकट दे दिया तो शिवपाल यादव की अंतिम उम्मीद भी खत्म हो गयी। अब सूत्रों के अनुसार शिवपाल चुनाव बाद अंतिम निर्णय लेंगे, क्योंकि अब किसी निर्णय से चुनाव तक कुछ भी नहीं होना है।