नहाय-खाय के साथ शुरू हुए आस्था के महापर्व छठ पूजा के आख़िरी दिन सोमवार की सुबह उगते हुए सूर्य को महिलाओं ने अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया। परिवार की सुख समृद्धि व निरोगी रहने के लिए महिलाएं व्रत रखती हैं। राजघाट स्थित सईं नदी में हजारों की संख्या श्रद्धालु मौजूद रहे। सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम थे।
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रायबरेली। नहाय-खाय के साथ शुरू हुए आस्था के महापर्व छठ पूजा के आख़िरी दिन सोमवार की सुबह उगते हुए सूर्य को महिलाओं ने अर्घ्य देकर व्रत का समापन किया। परिवार की सुख समृद्धि व निरोगी रहने के लिए महिलाएं व्रत रखती हैं। राजघाट स्थित सईं नदी में हजारों की संख्या श्रद्धालु मौजूद रहे। सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम थे। कमर तक पानी मे जाकर महिलाओं ने उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया।
बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े पर्व छठ पूजा की धूम रायबरेली में भी नजर आई। यहां उगते सूर्य को अर्ध्य देकर अगले साल तक के लिए छठी मैया को विदा किया गया। इस दौरान सई नदी के किनारे राजघाट और शहीद स्मारक समेत शारदा नहर के पानी में भक्तों ने खड़े होकर भास्कर भगवान को अर्ध्य दिया।
सूर्य को अर्ध्य के साथ ही महिलाओं के तीन दिवसीय व्रत का भी समापन हो गया। मान्यता है कि छठ पूजा के दौरान मांगी गई कोई भी मुराद छठी मैया अवश्य पूरा करती हैं।
महराजगंज जिले में भी सोमवार सुबह सूर्य को अर्घ्य देने के बाद आस्था का महापर्व छठ पूजा का समापन हुआ । बैकुंठ घाट पर छठ पर्व पर लाखों व्रतियों ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। जिला प्रशासन द्वारा घाटों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।