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पार्टी से निष्काषित होने के बाद हरक रावत का बड़ा बयान, कहा विनाश काले विपरीत बुद्धि

पार्टी से निष्काषित किये जानें के बाद से अब हरक सिंह रावत का बयान सामने आया है। अपने बयान में उन्होंने कहा कि 'सोशल मीडिया पर चले एक मनगढ़ंत समाचार को आधार बनाकर उनकी पार्टी ने इतना बड़ा निर्णय ले लिया। पढ़िए पूरा मामला।

By इंडिया वॉइस 

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Uttarakhand Assembly Election : विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने बड़ा फैसला लेते हुए धामी सरकार में मंत्री डॉ हरक सिंह रावत (Dr. Harak Singh Rawat) को पार्टी से बाहर कर दिया है। दरअसल जानकारी के अनुसार डॉ हरक सिंह रावत अपने जिद पर अड़े हुए थे। वे आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी बहू अनुकृति गुसाईं को टिकट दिलाने से कम पर मानने को तैयार नहीं थे। यही कारण था कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं द्वारा लगातार उन्हें मनाने का काम भी जारी था।

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पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को सौंपी गई थी जिम्मेदारी 

इन्हें मनाने के लिए भाजपा ने वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को जिम्मेदारी सौंपी। हालांकि उन्होंने हरक रावत को मनाने का भरसक प्रयास भी किया लेकिन प्रयास असफल रहा।  केंद्रीय नेताओं ने उनसे बात की, लेकिन हरक जिद पर अड़े रहे। वे कांग्रेस में जाने का मन बना चुके थे। आखिरकार पार्टी ने उन्हें 6 साल के लिए बर्खास्त कर दिया। आपको बता दें कि पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत उत्तराखंड की राजनीति में बड़े खिलाड़ी माने जाते हैं।

बसपा, कांग्रेस होते हुए 2016 में भाजपा में की थी वापसी

भाजपा से राजनीतिक यात्रा शुरू करने वाले हरक सिंह बसपा, कांग्रेस होते हुए 2016 में जब भाजपा में वापसी की तो कई राजनीतिक पंडित का मानना था कि अब वे ”कमल” का होकर रहेंगे, लेकिन वे अपने मन मिजाज के मुताबिक यहां भी स्थिर नहीं रहे। वे कई बार अपनी ही सरकार के खिलाफ बोलते रहे। सिर्फ इसलिए कि सरकार पर उनका दबदबा बना रहे।

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हरक रावत सरकार पर लगातार बना रहे थे दबाव

राजनीतिक जानकार ऐसा कहते हैं कि हरक सिंह रावत एक घर में रहने वाले नेता नहीं हैं। वे जहां रहते हैं, अपना दबाव बनाकर रखना चाहते हैं। भाजपा में आने के बाद शुरू से ही वे सरकार पर दबाव बनाने में लगे थे, लेकिन उनकी दाल नहीं गल रही थी। इसीलिए वे समय-समय पर अपनी ही सरकार के खिलाफ बयान देते रहते थे। यदि भाजपा उन्हें बर्खास्त नहीं करती तो वे कांग्रेस में खुद वापसी कर लेते।

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कांग्रेस में करेंगे वापसी 

पार्टी से निष्काषित किये जानें के बाद से अब हरक सिंह रावत का बयान सामने आया है। अपने बयान में उन्होंने कहा कि ‘सोशल मीडिया पर चले एक मनगढ़ंत समाचार को आधार बनाकर उनकी पार्टी ने इतना बड़ा निर्णय ले लिया जबकि मेरे सबसे अच्छे संबंध थे। लेकिन मेरी पार्टी ने मुझ से बिना बात किए इतना बड़ा निर्णय ले लिया।

विनाश काले विपरीत बुद्धि

हरक सिंह रावत ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि विनाश काले विपरीत बुद्धि। अर्थात उनके मुताबिक पार्टी का यह निर्णय पार्टी के लिए घातक साबित होगा। वहीं हरक सिंह रावत ने आगे कहा कि मैं कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में अगर नहीं आया होता तो मैं बीजेपी को 4 साल पहले ही छोड़ देता। मुझे कोई मंत्री पद का शौक नहीं है। मैं सिर्फ काम करना चाहता था।

उन्होंने कहा कि मैं अब कांग्रेस पार्टी से बात करूंगा और जल्द ही कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर उत्तराखंड में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाऊंगा। यानी कुल मिलाकर स्थित अब स्पष्ट हो गई है कि हरक सिंह रावत जल्द ही कांग्रेस पार्टी में शामिल होंगे और कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे।

 

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