भिखारी राजू Paytm से लेकर फोन पे और गूगल पे तक का इस्तेमाल भीख मांगने में करता है। राजू पटेल नाम का ये भिखारी इलाके में डिजिटल भिखारी के नाम से मशहूर है।
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बिहार, 8 फरवरी। बिहार के बेतिया में एक ऐसा भिखारी है जो डिजिटल तरीके से भीख मांगता है। राजू नाम का भिखारी अपने गले में QR CODE लटकाए रखता है। ये बिहार का ही नहीं भारत का भी पहला डिजिटल भिखारी है। भिखारी राजू Paytm से लेकर फोन पे और गूगल पे तक का इस्तेमाल भीख मांगने में करता है। राजू पटेल नाम का ये भिखारी इलाके में डिजिटल भिखारी के नाम से मशहूर है।
ऑनलाइन भीख का आइडिया कहां से आया?
जब भिखारी राजू से पूछा गया कि ऑनलाइन भीख मांगने का आइडिया कैसे और कहां से आया, तो उसने बताया कि जो ऑटो वालों के पास आता था और उनके कार्ड बनाता था, उसने भी उससे बोला कि राजू तुम भी कार्ड ले लो तो तुम्हें इसमें पैसा दिया जाएगा। भिखारी ने बताया कि वो पिछले काफी दिनों से ऑनलाइन तरीके का इस्तेमाल करके भीख मांग रहा है। रोज उसे लगभग 200 रुपए मिल जाते हैं।
’80 हजार गायब हो गए थे’
भिखारी राजू ने बताया कि जब पिछले साल मार्च में कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन लगा था, उस समय उसके 80 हजार रुपए गायब हो गए थे। स्टेशन से उसकी पेटी गायब हो गई, जिसमें उसके पैसे रखे हुए थे।
लालू यादव और पीएम मोदी का है फैन
राजू ने बताया कि 2002 में उसके पिता की मौत हो जाने के बाद से वो बेघर हो गया और तब से रेलवे स्टेशन पर भीख मांगकर गुजारा करता है। राजू पटेल बेतिया के बसवारिया मुहल्ले के वार्ड नंबर-30 का रहने वाला है। उसने बताया कि उसे जो पैसा मिलता है उससे वो खाता-पीता है और बैंक अकाउंट में जमा करता है। अब तक उसके पास कुल 25 हजार रुपए इकट्ठा हो चुके हैं। वहीं राजू अपने आप को लालू यादव का बहुत बड़ा फैन बताता है, साथ ही वो पीएम मोदी का दीवाना भी है। बेतिया में रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और काली बाग मंदिर के आसपास वो भीख मांगता है।