बिहार विधानसभा में भी कल शराबबंदी को लेकर जमकर हंगामा हुआ. इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उत्तेजित हो गए और बीजेपी सदस्यों को याद दिलाने लगे कि आपने भी इसका समर्थन किया था और सफल बनाने के लिए शपथ ली थी.
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Bihar Hooch Tragedy: बिहार में जहरीली शराब का कहर, सारण जिले में जहरीली शराब के कथित सेवन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है. बुधवार को संदिग्ध जहरीली त्रासदी की सूचना मिली जब कई लोगों की मौत हो गई और अन्य को अस्पताल में भर्ती कराया गया. इनमें से 3 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 12 से अधिक लोग बीमार हैं. इनमें से चार को छपरा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बात 2 दिनों में हुई कुल मौतों की करें तो अब तक 30 लोगों से अधिक की मौत शराब पीने से हो चुकी है जिससे जिले में कोहराम मचा हुआ है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रशासन ने अभी तक 16 शवों का पोस्टमार्टम कराया है। वहीं तीन शवों का मृतकों के परिजनों ने पोस्टमार्टम कराए बिना ही अंतिम संस्कार कर दिया है। आधा दर्जन से अधिक लोगों का उपचार सदर अस्पताल एवं पटना के पीएमसीएच में चल रहा है। मृतकों के कई परिजन बीमारी से मौत होने की भी बात बता रहे हैं। पुलिस प्रशासन इस घटना पर कुछ भी बताने से इनकार कर रहा है। पुलिस कप्तान संतोष कुमार ने बताया कि पूरे मामले की अभी पड़ताल की जा रही है। घटना के बाद सोमवार की रात ही सदर अस्पताल में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है।
बिहार के अस्पताल में अब तक 12 लोग इलाज के लिए पहुंचे. अधिकांश लोगों को आंख से कम दिखने और सीने में दर्द की शिकायत की थी. डॉक्टरों ने सभी की प्राथमिक जांच कर बेहतर इलाज के लिए छपरा सदर अस्पताल रेफर किया जहां सभी का इलाज जारी है. मरीजों ने बताया कि उन्होंने एक विवाह समारोह में शराब पी थी जिसके बाद एक-एक कर सब की तबीयत बिगड़ने लगी.
मढौरा के लालापुर निवासी सुरेंद्र महतो और धुरेन्द्र महतो की तबीयत बिगड़ गई और सीने में दर्द और आंख की रोशनी जाने की शिकायत के बाद परिजन मढौरा रेफरल अस्पताल लेकर पहुंचे. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए छपरा सदर अस्पताल रेफर कर दिया. बुधवार की रात ही मढौरा के खरौनी निवासी बिक्रम राज की मौत हो गई थी. एक परिवार से 3 लोगों की मौत हो चुकी है.
बिहार में जिन महिलाओं के लिए शराबबंदी की गई थी उन महिलाओं के आंखों में आंसू नजर आ रहे हैं. छपरा के मढ़ौरा की रहने वाली बबीता देवी के परिवार के तीन सदस्यों की शराब के कारण मौत हो गईं है. बबीता देवी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. अपने पति के शव के पास विलाप कर रही कविता देवी का कहना है कि सरकार शराबबंदी के नाम पर सिर्फ नाटक कर रही है.
नीतीश कुमार सरकार ने 2016 में शराब के सेवन और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। राज्य ने तब से कई त्रासदी देखी हैं।