हीमोग्लोबिन अगर शरीर में कम हो जाती है तो काफी लोगों को समस्या हो जाती है, पर ज्यादा हो तो भी परेशानी है।
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नई दिल्ली । सही सेहत के लिए आपके शरीर के अंदर हीमोग्लोबिन की अहम भूमिका होती है। ऐसे में जरूरी है कि हीमोग्लोबिन की भरपूर मात्रा होनी चाहिए यानि न इससे कम और न ही इससे ज्यादा।
अगर ये कम होगा तो शरीर में खून की भारी कमी हो जाती है और आप एनीमिया का शिकार हो जाते हैं। पर क्या आपको पता है कि शरीर में अगर जरूरत से बढ़कर हीमोग्लोबिन पाया जाए तो भी यह आपको बीमार कर सकता है। आइए जानते हैं हीमोग्लोबिन बढ़ने की वजह से क्या समस्याएं हो सकती हैं।
हीमोग्लोबिन बढ़ने से हेमोक्रोमैटोसिस की होती है समस्या
बता दें कि हीमोग्लोबिन ब्लड में मौजूद रेड ब्लड सेल में पाया जाने वाला एक प्रोटीन है। हीमोग्लोबिन के ही जरिए ही ऑक्सीजन शरीर के अलग-अलग भागों तक पहुंचता है। हर शख्स के शरीर में हीमोग्लोबिन का लेवल अलग-अलग होता है। अगर किसी के शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ जाए तो इस स्थिति को हेमोक्रोमैटोसिस कहते हैं।
बता दें कि शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा 14 से 15 प्रति डेसिलीटर होती है। पुरुषों में हीमोग्लोबिन की सामान्य मात्रा 15 से 16 प्रति डेसीलीटर और महिलाओं में 14 से 15 हीमोग्लोबिन होनी चाहिए। इससे कम हो तब भी नुकसान हो सकता है और इससे ज्यादा हो तब भी नुकसान हो सकता है
शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ने पर हो सकती हैं ये दिक्कतें
1.हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ने से आपका दिमाग ठीक से काम नहीं करता है। सोचने समझने की क्षमता कम हो जाती है। आप कंफ्यूज रहने लगते हैं। कोई भी बात आपको बहुत देर से समझ में आती है।
2.शरीर में लगातार अधिक हीमोग्लोबिन बनने से ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। जिससे पॉलिकैथेमिया नाम की डिजीज हो जाती है। इसमें बोन मैरो आसमान्य रूप से उच्च स्तर पर लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करने का कारण बनता है। इसके अलावा यह कोशिकाएं रक्त को गाढ़ा कर देती हैं। इससे रक्त प्रवाह में देरी होती है। इससे खून के थक्के बनने लगते हैं। इससे हार्ट और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।