गृह मंत्रालय ने घाटी में हिन्दुओं की सुरक्षा की नए सिरे से समीक्षा की है और ऐसे उपाय करने को कहा है जिससे अलगाववादी हिन्दुओं को टारगेट कर हिंसा ना कर सकें। इसी क्रम में ये फैसला पहले ही ले लिया गया है कि सरकारी कार्यालयों में कार्यरत हिन्दुओं की केवल जिला मुख्यालयों में ही तैनाती की जाए।
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नई दिल्ली, 03 जून। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर घाटी में टारगेट किलिंग की एक के बाद एक बढ़ती हत्याओं के मद्देनजर शुक्रवार को भी एक उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक में गृहमंत्री के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, सेना प्रमुख मनोज पांडेय, रिसर्च एंड एनॉलिसिस बिंग (रॉ) के अधिकारी, जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा सहति गृह मंत्रालय के आला अधिकारी मौजूद रहे।
घाटी में हिन्दुओं की सुरक्षा की नए सिरे से समीक्षा
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्री शाह ने दो दिन की इस बैठक में जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। इसके साथ ही बैठक में अमरनाथ यात्रा की तैयारियों और सुरक्षा के मुद्दे पर भी चर्चा की गई। बताया जा रहा है कि गृह मंत्रालय ने घाटी में हिन्दुओं की सुरक्षा की नए सिरे से समीक्षा की है और ऐसे उपाय करने को कहा है जिससे अलगाववादी हिन्दुओं को टारगेट कर हिंसा ना कर सकें। इसी क्रम में ये फैसला पहले ही ले लिया गया है कि सरकारी कार्यालयों में कार्यरत हिन्दुओं की केवल जिला मुख्यालयों में ही तैनाती की जाए।
कश्मीर में 10वीं टारगेट किलिंग की घटना
गृह मंत्री ने ये बैठक ऐसे समय में की है जब आतंकवादियों ने घाटी में गैरमुस्लिम कर्मचारियों की एक के बाद एक लोगों की हत्या कर रहे हैं। पिछले गुरुवार को एक बैंक कर्मी और एक ईंट भट्ठा मजदूर की हत्या कर दी गई। बैंककर्मी राजस्थान का मूल निवासी था। इसके पहले दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में आतंकियों ने जम्मू क्षेत्र के सांबा जिले की एक अध्यापिका (कश्मीरी पंडित) को गोली मार कर हत्या कर दी। एक मई के बाद से कश्मीर में बैंक कर्मी और मजदूर की हत्या 10वीं टारगेट किलिंग की घटना थी।
बतादें कि 18 मई को बारामूला में आतंकियों ने एक शराब की दुकान में गोला-बारूद फेंककर जम्मू क्षेत्र के एक व्यक्ति की हत्या कर दी। इस घटना में कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इसके बाद 24 मई को श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर के सिपाही सैफुल्लाह को उनके घर में ही गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी, उसके दो दिन बाद ही बडगाम में अमरीन भट्ट को मौत के घाट उतार दिया गया था। इन घटनाओं के बाद से कश्मीरी पंडितों में भय का माहौल पैदा हो गया है। प्रधानमंत्री पैकेज के तहत साल 2012 में नियुक्त किए गए कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या के बाद से प्रदर्शन हो रहा है। इससे घाटी में एक बार फिर कश्मीरी पंडितों के पलायन की स्थिति उत्पन्न हो गई है। उल्लेखनीय है कि बडगाम जिले के चडूरा में गत 12 मई को भट की हत्या कर दी गई थी।
गौरतलब है कि अमित शाह की अध्यक्षता में हुई ये बैठक हाल के दिनों में दूसरी ऐसी बैठक है। इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, खुफिया ब्यूरो (आईबी) प्रमुख अरविंद कुमार, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक कुलदीप सिंह. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) महनिदेशक पंकज सिंह और जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह शामिल रहे।