Anti Conversion Law: .उत्तर-प्रदेश के योगी सरकार ने UP में 2020 में ही धर्मांतरण कानून को लागू कर दिया ,धार्मिक रूपांतरण निषेध कानून यूपी में 27 नवंबर, 2020 से गैर तरीके से लागू है,इस कानून के तहत यूपी में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को 10 साल की सजा के साथ ही 15 हजार से 50 हजार तक जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है, इतना ही नहीं अंतर-धार्मिक विवाह करने वाले जोड़ों को शादी करने से दो महीने पहले जिला मजिस्ट्रेट को सूचित करते हुए परमिशन लेनी होगी
Updated Date
lucknow news:उत्तर-प्रदेश के योगी सरकार ने UP में 2020 में ही धर्मांतरण कानून को लागू कर दिया ,धार्मिक रूपांतरण निषेध कानून यूपी में 27 नवंबर, 2020 से गैर तरीके से लागू है,इस कानून के तहत यूपी में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को 10 साल की सजा के साथ ही 15 हजार से 50 हजार तक जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है,यूपी के बाद अब उत्तराखंड में भी धर्मांतरण निरोधक कानून को लागू करने की मंजूरी मिल गयी है,यह मंजूरी पुष्कर सिंह धामी सरकार ने दे दी है,
इस कानून के तहत उत्तर प्रदेश में अब तक 291 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 507 से ज्यादा गिरफ्तारी हुई है,150 मामलों में पीड़ित ने कोर्ट के सामने जबरदस्ती धर्म बदलवाने की बात कबूली है. इसके अलावा नाबालिगों के धर्मांतरण के मामले में अब तक 59 मामले दर्ज किए गए हैं.इस मामले में गंभीरता के आधार पर 10 साल तक की जेल के साथ ही 15 हजार से 50 हजार तक जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है
अंतर-धार्मिक विवाह करने वाले जोड़ों को शादी करने से दो महीने पहले जिला मजिस्ट्रेट को सूचित करते हुए परमिशन लेनी होगी. इस कानून के तहत एससी/एसटी समुदाय के नाबालिगों और महिलाओं के धर्मांतरण पर तीन से 10 साल की सजा का प्रावधान है, जबकि जबरन सामूहिक धर्मांतरण के लिए जेल की सजा तीन से 10 साल और जुर्माना 50 हजार रखा गया है.
कानून के मुताबिक अगर विवाह का एकमात्र उद्देश्य महिला का धर्म परिवर्तन कराना था, तो ऐसी शादियों को अवैध करार दिया जाएगा. इतना ही नहीं अमरोहा में तो एक मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए सजा भी सुनाई जा चुकी है. अब तक प्रदेश में धर्मांतरण निषेध कानून के तहत सर्वाधिक केस बरेली जनपद में दर्ज हुए हैं. इतना ही नहीं प्रदेश में दिव्यांग बच्चों के धर्मांतरण कराने वाले रैकेट का खुलासा भी हो चुका है.