लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि जिन शब्दों को हटा दिया गया है, वो विपक्ष के साथ-साथ सत्ता में पार्टी द्वारा भी संसद में कहे और उपयोग किए गए हैं। केवल विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्दों के चयनात्मक निष्कासन के रूप में कुछ भी नहीं है।
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नई दिल्ली, 14 जुलाई। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी असंसदीय शब्दों की नई सूची को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई नेताओं ने इसे गलत ठहराया है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि नए भारत का नया शब्द कोष सामने आया है। इसमें ‘असंसदीय’ शब्द की परिभाषा इस तरह है। इसके मुताबिक प्रधानमंत्री की सरकार चलाने की कार्यशैली को चर्चा और बहस में सही ढंग से परिभाषित करने वाले शब्द अब प्रतिबंधित हो गए हैं।
New Dictionary for New India. pic.twitter.com/SDiGWD4DfY
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 14, 2022
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार जिन शब्दों को असंसदीय बना रही है। उन शब्दों का प्रयोग प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संसदीय कामकाज में किया है। उन्होंने खुद इन शब्दों का प्रयोग किया है और अब इसे गलत क्यों बताया जा रहा है। इस विषय पर संसद में बहस के दौरान हम इसका मुद्दा उठायेंगे।
हमें जरूरी और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए। हम रसोई गैस की बढ़ती कीमतों, महंगाई, अग्निवीर, बेरोजगारी और संघीय ढांचे से छेड़छाड़ आदि मुद्दे सदन में उठाएंगे : श्री @kharge pic.twitter.com/QpbExAcTg1
— Congress (@INCIndia) July 14, 2022
गौरतलब है कि लोकसभा और राज्यसभा में 18 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र से शब्दावली को लेकर नए नियम जारी किए गए हैं। लोकसभा सचिवालय की नई बुकलेट में कहा गया है कि ”जुमलाजीवी, बाल बुद्धि, कोविड स्प्रेडर और स्नूपगेट जैसे शब्दों को लोकसभा और राज्यसभा में असंसदीय माना जाएगा। इसमें शकुनि, तानाशाह, तानाशाही, जयचंद, विनाश पुरुष, खालिस्तानी, खून से खेती जैसे शब्द भी शामिल हैं। इनमें लज्जित, दुर्व्यवहार, विश्वासघात, भ्रष्ट, नाटक, पाखंड और अक्षम” के लिए प्रयोग होने वाले अंग्रेजी शब्द भी हैं।
AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी का इस मुद्दे पर कहना है कि असंसदीय भाषा का मुद्दा नहीं है वो किस संदर्भ कहा गया है ये भी देखना जरूरी है। अगर वो संसद में बोलें कि ‘मैं मोदी सरकार पर फूल फेंक कर मारुंगा’ क्योंकि उन्होंने देश के नौजवानों को बेरोज़गार बना दिया’ तो क्या सरकार ‘फूल’ को असंसदीय घोषित कर देगी?
Amusing & Shocking!
Basic words like incompetent, ashamed, mislead, criminal, coward, abused, betrayal apart from many others have been deemed unparliamentary by the Modi govt.
"The Modi govt is behaving like an ugly person who blames the mirror" – Rajya Sabha MP @raghav_chadha pic.twitter.com/NMZzyct0pv
— AAP (@AamAadmiParty) July 14, 2022
वहीं आम आदमी पार्टी से सांसद राघव चड्ढा ने कहा है कि सरकार की इन शब्दों की सूची को पढ़कर लगता है कि सरकार बखूबी जानती है कि उनके काम को कैसे परिभाषित किया जाता है। जुमलाजीवी कहना असंसदीय हो गया है, लेकिन आंदोलनजीवी कहना असंसदीय नहीं हुआ।
उधर मामले पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि जिन शब्दों को हटा दिया गया है, वो विपक्ष के साथ-साथ सत्ता में पार्टी द्वारा भी संसद में कहे और उपयोग किए गए हैं। केवल विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्दों के चयनात्मक निष्कासन के रूप में कुछ भी नहीं है। कोई शब्द प्रतिबंधित नहीं है, उन शब्दों को हटा दिया है जिन पर पहले आपत्ति की गई थी।