प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर में नैनो-यूरिया संयंत्र का उद्घाटन किया। इसके साथ ही एक संगोष्ठी में पीएम ने कहा कि सहकार, गांव के स्वावलंबन का भी बहुत बड़ा माध्यम है।
Updated Date
नई दिल्ली, 28 मई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को रिमोट का बटन दबाकर गुजरात के गांधीनगर में इफको, कलोल में निर्मित नैनो-यूरिया (तरल) संयंत्र का उद्घाटन किया।
लगभग 175 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह नैनो-यूरिया (तरल) संयंत्र किसानों को अपनी उत्पादकता बढ़ाने का जरिया प्रदान करने और उन्हें अपनी आय बढ़ाने में मदद करेगा।
अत्याधुनिक नैनो उर्वरक संयंत्र की स्थापना नैनो-यूरिया के इस्तेमाल से फसल की पैदावार बढ़ाने के लक्ष्य को ध्यान में रखकर की गई है। संयंत्र में रोजाना 500 एमएल की लगभग डेढ़ लाख बोतलों का उत्पादन होगा।
गांव के स्वावलंबन का बहुत बड़ा माध्यम है सहकार : प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को एक कार्यक्रम कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए गांवों का आत्मनिर्भर होना बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सहकार, गांव के स्वावलंबन का भी बहुत बड़ा माध्यम है। इसमें आत्मनिर्भर भारत की ऊर्जा है।
प्रधानमंत्री मोदी यहां महात्मा मंदिर, गांधीनगर में विभिन्न सहकारी संस्थानों के प्रमुखों के ‘सहकार से समृद्धि’ विषयक गोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के किसान के हित में जो भी जरूरी हो, वो हम करते हैं, करेंगे और देश के किसानों की ताकत बढ़ाते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि भारत विदेशों से जो यूरिया मंगाता है इसमें यूरिया का 50 किलो का एक बैग 3,500 रुपये का पड़ता है। लेकिन देश में, किसान को वही यूरिया का बैग सिर्फ 300 रुपये का दिया जाता है। यानी यूरिया के एक बैग पर हमारी सरकार 3,200 रुपये का भार वहन करती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के किसान को दिक्कत न हो इसके लिए केंद्र सरकार ने पिछले साल 1.60 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी फर्टिलाइजर में दी है। किसानों को मिलने वाली ये राहत इस साल 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा होने वाली है।