अखिलेश को संबोधित पत्र में शिवपाल ने लिखा- मुझे अपनी सीमाएं पता है। आप सपा के अध्यक्ष हैं। ऐसे में मेरा सुझाव है कि उपरोक्त बिंदुओं के आलोक में अपने फैसले पर पुनर्विचार करें।
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लखनऊ, 16 जुलाई। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में UPA के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के समर्थन पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से पुनर्विचार करने की अपील की है। शिवपाल ने ये अपील एक खुले पत्र के जरिए की है।
सपा के वर्तमान नेतृत्व ने राष्ट्रपति चुनाव में उस व्यक्ति का समर्थन किया है,जिसने हम सभी के अभिभावक और प्रेरणा व ऊर्जा के स्रोत आदरणीय नेताजी को 'आईएसआई'का एजेंट बताया था।
पार्टी नेतृत्व के इस फैसले के विरुद्ध मेरी घोर असहमति है।
नेताजी के अपमान की शर्त पर कोई फैसला मंजूर नहीं। pic.twitter.com/IRiw2aNmEs— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) July 16, 2022
चाचा शिवपाल ने भतीजे अखिलेश को नसीहत देते हुए पत्र में लिखा है कि नेताजी (मुलायम सिंह) को ISI एजेंट बताकर उनका अपमान करने वाले यशवंत सिन्हा के समर्थन पर पुनर्विचार करें। शिवपाल ने ये पत्र ट्विटर पर शेयर किया है। पत्र के साथ उन्होंने यशवंत सिन्हा के बयान वाले समाचार पत्र की कटिंग भी शेयर की है।
शिवपाल का पत्र
शिवपाल ने लिखा- मैं आपका और सपा के शुभचिंतकों का ध्यान एक बेहद गंभीर और संवेदनशील विषय की ओर दिलाना चाहता हूं। ये नियति की अजीब विडंबना है कि सपा ने राष्ट्रपति चुनाव में उस व्यक्ति का समर्थन किया है, जिसने हम सभी के अभिभावक और प्रेरणास्रोत नेताजी को उनके रक्षा मंत्रित्वकाल में पाकिस्तानी गुप्तचर संस्था ISI का एजेंट बताया था। ये भी कम दुर्भाग्यपूर्ण नहीं है कि सपा को राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर एक अदद समाजवादी विरासत वाला नाम ना मिला। ये कहते हुए मुझे दुख और क्षोभ हो रहा है कि जो समाजवादी कभी नेताजी के अपमान पर आग बबूला हो जाते थे, आज उसी विरासत के लोग नेताजी को अपमानित करने वाले व्यक्ति का राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन कर रहे हैं। ऐसा लगने लगा है कि पूरी पार्टी मजाक का पात्र बनकर रह गई है।
अखिलेश को संबोधित पत्र में शिवपाल ने लिखा- मुझे अपनी सीमाएं पता है। आप सपा के अध्यक्ष हैं। ऐसे में मेरा सुझाव है कि उपरोक्त बिंदुओं के आलोक में अपने फैसले पर पुनर्विचार करें।
गौरतलब है कि साल 1997 में यशवंत सिन्हा बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता थे। उस दौरान उन्होंने मुलायम सिंह यादव को ISI का एजेंट बताया था। मुलायम सिंह उस दौरान रक्षामंत्री थे।