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आपराधिक छवि वाले नेताओं को टिकट देने के मामले में सपा और भाजपा सबसे आगे, ADR की रिपोर्ट में खुलासा

ADR ने अपने रिपोर्ट में बताया है कि प्रदेश में होने वाले पहले चरण के चुनाव के लिए जिन उम्मीदवारों ने नामांकन किया है उनमें से 25 % उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

ADR Report : अपराध मुक्त राज्य बनाने और कानून का राज स्थापित करने की बात करने वाली राजनीतिक पार्टियां इन दिनों टिकट बंटवारे के दौरान सिर्फ और सिर्फ अपराधिक छवि वाले नेताओं को ही उम्मीदवार घोषित करने में लगी हुई हैं। उत्तर प्रदेश में पहले चरण का चुनाव 10 फरवरी को होना है। लिहाजा सभी दलों ने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं।

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टिकट मिलने के बाद उन उम्मीदवारों ने अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया है। ऐसे में नामांकन दाखिल करने के दौरान जो बातें निकल कर सामने आईं हैं वो बेहद ही चौंकाने वाली है। उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल करते वक्त चुनाव आयोग को जो हलफनामा दिया था उस हलफनामें का ADR ने अध्ययन किया है।

पहले चरण के 25 % उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले – ADR

दरअसल नामांकन दाखिल करने के दौरान चुनाव आयोग को उम्मीदवारों द्वारा दिए जाने वाले हलफनामें का ADR यानी ‘द एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ ने बकायदा अध्ययन किया है। ADR के अध्ययन करने के बाद जो रिपोर्ट्स सामने आई हैं उसने ना सिर्फ राजनीतिक दलों की नियत को दर्शाने का काम किया है बल्कि उनकी हकीकत से भी रूबरू कराने का काम किया है। ADR ने अपने रिपोर्ट में बताया है कि प्रदेश में होने वाले पहले चरण के चुनाव के लिए जिन उम्मीदवारों ने नामांकन किया है उनमें से 25 % उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

12 महिला उमीदवारों में से 6 महिलाओं पर हत्या के मामले 

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25 % आपराधिक छवि वाले उम्मीदवारों की इस श्रेणी में महिलाओं की भी हिस्सेदारी नजर आ रही है। बता दें कि ADR के मुताबिक जो रिपोर्ट सामने आई है इस लिस्ट में 12 महिला उम्मीदवार ऐसी हैं जिनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके अलावा जो सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात सामने आई है वो ये कि इन 12 महिलाओं में से 6 महिलाओं पर हत्या के मामले दर्ज हैं।

ADR के विश्लेषण के मुताबिक कुल 615 उम्मीदवारों में से 156 यानी 25 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। जबकि वहीं 121 यानी 20 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। ये हाल तब है जब राजनीतिक पार्टियां जनता से ये वादा करते फिर रही हैं कि वो प्रदेश को अपराध मुक्त बनायेंगी।

आपराधिक छवि के नेताओं को टिकट देने के मामले में सपा सबसे आगे

अब जिस राजनीतिक पार्टी ने सबसे ज्यादा अपराधिक छवि वाले नेताओं को टिकट दिया है उसमें पहला नाम समाजवादी पार्टी का है। ADR के मुताबिक सपा ने सबसे ज्यादा 75 फीसदी टिकट अपराधिक मामलों में लिप्त नेताओं को अपना उम्मीदवार बनाया है। सपा (Samajwadi Party) के 28 उम्मीदवारों में से 21 उम्मीदवार यानी 75 फीसदी उम्मीदवार ऐसे हैं जिन पर आपराधिक मामले दर्ज है। वहीं सपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही जयंत सिंह चौधरी की पार्टी RLD ने भी 29 में से 17 यानी 59 प्रतिशत उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इन सभी उम्मीदवारों ने चुनाव आयोग को दिए अपने हलफनामे में आपराधिक मामले घोषित किए हैं।

सपा के अलावा इस रेस में भाजपा भी आगे

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जहां एक तरफ समाजवादी पार्टी ने 28 उम्मीदवारों में से 21 आपराधिक छवि वाले नेताओं को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। वहीं दूसरी तरफ भाजपा (Bhartiya Janta Party) भी इस रेस में पीछे नहीं है। भाजपा ने 57 उम्मीदवारों में से 29 यानी 51 फीसदी ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है जिन पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

प्रदेश में भाजपा की सरकार है और प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रदेश को अपराध मुक्त करने की बात करते आए हैं। अब जब चुनाव सर पर है तो उनकी पार्टी ने अपराधिक छवि वाले नेताओं को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। वहीं ना सिर्फ सपा और भाजपा इस रेस में लगभग सभी पार्टियां आगे हैं।

12 नेताओं पर गंभीर आपराधिक मामलें 

कांग्रेस (Congress) ने भी 58 उम्मीदवारों में से 21 यानी 36 प्रतिशत ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके साथ ही मायावती की पार्टी बसपा (BSP) के 56 में से 19 उम्मीदवार और खुद को साफ सुथरी पार्टी बताने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) ने 52 उम्मीदवारों में से 8 ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दिया है जिन पर आपराधिक मामले दर्ज है। इसके अलावा इन आपराधिक छवि वाले नेताओं में 12 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके ऊपर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज है। साथ ही एक उम्मीदवार के खिलाफ बलात्कार का मामला भी दर्ज है।

कुल 623 उम्मीदवारों में से 8 के हलफनामों का विश्लेषण नहीं

ADR ने यह साफ़ किया है कि प्रदेश में होने वाले पहले चरण के चुनाव के लिए उसने राज्य के 11 जिलों में 58 विधानसभा सीटों से राजनीतिक दलों के 615 उम्मीदवारों और निर्दलीय उम्मीदवारों के-द्वारा दिए गए हलफनामों का विश्लेषण किया गया है। इन सीटों पर 10 फरवरी को मतदान होना है। ADR ने कहा है कि कुल 623 उम्मीदवार मैदान में हैं और उनमें से 8 के हलफनामों का विश्लेषण नहीं किया जा सका क्योंकि वे स्कैन नहीं किए गए थे या अधूरे थे।

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