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स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और स्वामी सदानंद बने शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के उत्तराधिकारी

By इंडिया वॉइस 

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ज्योतिर्मठ बद्रीनाथ और शारदा पीठ द्वारका के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के उत्तराधिकारियों के नाम सोमवार दोपहर घोषित कर दिए गए। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को ज्योतिष पीठ बद्रीनाथ और स्वामी सदानंद को द्वारका शारदा पीठ का प्रमुख घोषित किया गया है। उनके नामों की घोषणा शंकराचार्य जी की पार्थिव देह के सामने की गई.

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स्वरूपानंद सरस्वती का 98 वर्ष की आयु में रविवार को निधन हो गया था. उन्होंने झोतेश्वर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में कल दोपहर करीब साढ़े 3 बजे अंतिम सांस ली.सोमवार को मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में समाधि दी जाएगी. उनके अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त नरसिंहपुर पहुंच रहे हैं.

ज्योतिष एवं शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का जन्म 2 सितम्बर 1924 को मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के दिघोरी गांव में हुआ था. उनके बचपन का नाम पोथीराम उपाध्याय था.सरस्वती ने नौ साल की उम्र में अपना घर छोड़ कर धर्म यात्राएं शुरू कर दी थीं. उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों का विरोध करने की वजह से जेल में भी रखा गया था.शंकराचार्य के अनुयायियों ने कहा कि वह 1981 में शंकराचार्य बने और हाल ही में शंकराचार्य का 99वां जन्मदिन मनाया गया था.

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