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क्या टूट जाएगा झारखंड में गठबंधन ? कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर दोनों दलों में नहीं बनी बात!

आपको बता दें 2 हफ्ते पहले झारखंड कांग्रेस प्रमुख अविनाश पांडे दिल्ली में कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक की थी। जिसमें उन्होंने साफ तौर पर मुख्यमंत्री को याद दिलाते हुए कहा था कि अब यह आवश्यक है कि कोई कोआर्डिनेशन कमेटी और एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम जल्द से जल्द बनाया जाए।

By Akash Singh 

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कांग्रेस और जेएमएम में सब कुछ ठीक ना होने की खबरें पिछले कुछ दिनों से लगातार जोरों पर है। कॉमन मिनिमम प्रोग्राम और कोआर्डिनेशन कमेटी को लेकर झामुमो और कांग्रेस में सहमती नहीं बनती दिखाई दे रही है। 45 दिनों बाद भी कांग्रेस की और से भेजे गये प्रस्ताव का कोई जवाब नहीं आया है। आपको बता दें 2 हफ्ते पहले झारखंड कांग्रेस प्रमुख अविनाश पांडे दिल्ली में कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक की थी। जिसमें उन्होंने साफ तौर पर मुख्यमंत्री को याद दिलाते हुए कहा था कि अब यह आवश्यक है कि कोई कोआर्डिनेशन कमेटी और एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम जल्द से जल्द बनाया जाए। कांग्रेस पहले ही मुख्यमंत्री के पास इसका प्रस्ताव भेज चुकी है लेकिन 45 दिनों बाद भी उस प्रस्ताव का कोई जवाब नहीं आया है। और यह कयास लगाया जा रहा है कि कोआर्डिनेशन कमेटी और कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को लेकर के सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा और उसकी सहयोगी कांग्रेस के बीच बात नहीं बन पाई है। आपको बता दें बैठक में अविनाश पांडे ने कहा था कि वह झारखंड में संवाद कार्यक्रम के दौरान जबतक आयेंगे तबतक मुख्यमंत्री द्वारा इन सब पर सहमती बन चुकी होगी। लेकिन मुख्यमंत्री की तरफ से सहमती नहीं बनी और कांग्रेस नेता अविनाश पाण्डेय कार्यक्रम में भी नहीं आये।

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क्या कहना है कांग्रेस का

कांग्रेस पार्टी का मानना है कि “कॉमन मिनिमम प्रोग्राम” किसी भी गठबंधन सरकार की प्राथमिक जरूरत है। सभी सरकारें जो कि गठबंधन से जलती हैं, वह कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के आधार पर भी अपनी योजनाएं बनाती हैं और उसका क्रियान्वयन करती हैं। इसी सोच के साथ कांग्रेस प्रदेश के शीर्ष नेताओं ने कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का प्रस्ताव मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेजा था। लेकिन 45 दिनों के बाद भी मुख्यमंत्री कि तरफ से इसपर कोई जवाब नहीं आया है।

क्या कहती है झारखंड मुक्ति मोर्चा

झारखंड में सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा इस विषय पर कहना है झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस का गठबंधन चुनाव से पहले का गठबंधन है। ऐसे में उसी समय इन सभी बातों पर सहमति हो गई थी। पार्टी के केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री गठबंधन के विधायकों से मिलते रहते हैं सरकार की सभी योजनाएं सरकार गठबंधन दलों की सहमति से ही लागू होती हैं।

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