बिहार में अध्यापकों ने नई शिक्षक नियमावली का जबरदस्त विरोध किया है। डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग को लेकर शनिवार को हजारों शिक्षक सड़कों पर उतर आएं और जमकर प्रदर्शन किया।
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पटना। बिहार में अध्यापकों ने नई शिक्षक नियमावली का जबरदस्त विरोध किया है। डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग को लेकर शनिवार को हजारों शिक्षक सड़कों पर उतर आएं और जमकर प्रदर्शन किया।
इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारी शिक्षकों पर लाठीचार्ज कर दिया। जिससे कई शिक्षक चोटिल हो गए। बिहार में 1.70 लाख शिक्षकों की होने वाली भर्ती में दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को मौका देने के बाद से बवाल मचा हुआ है। शनिवार को दो हजार से ज्यादा अभ्यर्थी पहले गांधी मैदान में इकट्ठा हुए। फिर हाथों में तिरंगा लिए पैदल मार्च किया। लेकिन पुलिस ने उन्हें जेपी गोलंबर के बाद रोक दिया।
पुलिस के समझाने के बाद भी शिक्षक अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे थे। जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। आक्रोशित शिक्षक अभ्यर्थियों ने पथराव शुरू कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें खदेड़ा। डाक बंगला चौराहे से पुलिस ने उन्हें पटना जंक्शन तक खदेड़ा।
पुलिस ने 25 शिक्षक अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया है। इनमें 2 महिलाएं हैं। अभ्यर्थी बिहार सरकार के विरोध में नारेबाजी कर रहे थे। उनका कहना था कि बिहार सरकार जल्द से जल्द डोमिसाइल नीति लागू करे।
शिक्षक अभ्यर्थी बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। बता दें कि शिक्षा विभाग ने पहले ही शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रदर्शन को देखते हुए आदेश जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि नई शिक्षा नियमावली का विरोध करने वालों के खिलाफ आचार संहिता के तरत कार्रवाई की जाएगी।
इसके पहले शिक्षक अभ्यर्थियों ने बिहार सरकार को डोमिसाइल नीति लागू करने के लिए 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। उनका कहना था कि बीपीएससी द्वारा ली जाने वाली शिक्षक भर्ती परीक्षा में डोमिसाइल नीति खत्म कर दिया गया है। इसलिए सरकार जल्द से जल्द इस नीति को लागू करे।
रोहतास, दरभंगा, मधुबनी, नालंदा, सुपौल, सहरसा समेत कई जिलों से आए शिक्षक अभ्यर्थी ने कहा कि हमलोग बिहार सरकार के हर मंत्री और विधायक को घरेंगे। इनलोगों ने हमारी डोमिसाइल नीति खत्म कर दी। यह बिहार का अपमान है। बिहार के बच्चों को गरीब और मजदूर बनाने के लिए यह तुगलकी फरमान जारी किया गया है।