Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तराखंड
  3. जोशीमठ को भूस्खलन से ध्वस्त होने से बचाने के लिए रिसर्च में जुटे वैज्ञानिक

जोशीमठ को भूस्खलन से ध्वस्त होने से बचाने के लिए रिसर्च में जुटे वैज्ञानिक

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

Joshimath News: जोशिमठ में उभर रही दरारे चिंता का कारण बन गई है,जोशिमठ को भूस्खलन से ध्वस्त होने से बचाने के लिए वैज्ञानिक अब रिसर्च में जुट गए है,मलबे और बोल्डर के ढेर के कारण भू-गर्भीय दृष्टि से जोशिमठ संवेदनशील है,ये इलाका जोन फाइव में पड़ने के कारण भूकंप के लिए बेहद संवेदनशील है और यही वैज्ञानिकों की असली चिंता का कारण भी है.

पढ़ें :- Uttarakhand News: हल्द्वानी से रिश्तों को शर्मसार करने का मामला आया सामने, सगे भाई ने नाबालिग बहन को बनाया हवस का शिकार

वैज्ञानिक जनवरी और फरवरी में बारिश की भी आशंका जता रहे हैं,वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान देहरादून के डायरेक्टर कालाचांद साईं का कहना है कि यदि बारिश हुई तो इन दरारों में पानी के इकट्ठा होने से भू-धंसाव और तेजी के साथ बढ़ सकता है. इस पर अगर इस क्षेत्र में हल्का सा भी भूकंप का झटका आया तो भू धंसाव के साथ लैंडस्लाइड की घटनाएं बढ़ सकती हैं. वाडिया ने वैज्ञानिकों की एक टीम को इसके लिए जोशीमठ में तैनात कर दिया है. ये टीम तीन पहलुओं से जोशीमठ की जांच करेगी और वहां से डेटा एकत्रित करेगी.

जोशिमठ की वाडिया के वैज्ञानिक जियोफिजिकल स्टडी करेंगे,और दरारों की गहराई का आकलन किया जाएगा. ये दरारें सतही हैं या फिर जमीन के अंदर तक चली गई हैं. जोशीमठ में साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट लगाकर पूरे एरिया को भूकंपीय दृष्टि से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से मॉनिटर किया जाएगा. इससे जोशीमठ के संवेदनशील एरिया को चिह्नित किया जा सकेगा,वेब सेंसर लगाकर सरफेस डिस्प्लेसमेंट को मॉनिटर किया जाएगा. यदि जमीन खिसक रही है, तो किस रफ्तार से खिसक रही है उसका डाटा कलेक्ट किया जाएगा.

Advertisement