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दिल्ली धर्म संसद मामले में दिल्ली पुलिस की मांग- खारिज होनी चाहिए याचिका

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

नई दिल्ली, 14 अप्रैल। धर्म संसद मामले में दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि 21 दिसंबर, 2021 को दिल्ली में हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यक्रम में सुदर्शन टीवी के एंकर सुरेश चव्हाणके ने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हेट स्पीट नहीं दी थी। दिल्ली पुलिस ने मांग की है कि याचिका खारिज होनी चाहिए।

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दक्षिण पूर्वी दिल्ली के डीसीपी इशा पांडेय की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया है कि कार्यक्रम के वीडियो को बारीकी से देखने पर ऐसा कहीं नहीं लगा कि कानून का उल्लंघन हुआ है और किसी धर्म के लोगों के खिलाफ माहौल बनाया गया हो। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि अपने हितों के लिए कार्यक्रम करने से किसी को रोका नहीं जा सकता है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि याचिकाकर्ता कुर्बान अली और अंजना प्रकाश देसाई ने न तो कभी पुलिस को शिकायत दी और न ही किसी दूसरी एजेंसी को। वे सीधे सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। याचिकाकर्ता न तो शिकायकर्ता हैं और न ही पीड़ित। ये गलत प्रवृत्ति है, जिसे बढ़ावा नहीं देना चाहिए।

दरअसल, 12 जनवरी को कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को इस बात की अनुमति दी थी कि वे दूसरे स्थानों पर हुई ऐसी घटनाओं के खिलाफ स्थानीय प्रशासन को अपना प्रतिवेदन दें। सुप्रीम कोर्ट में याचिका पत्रकार कुर्बान अली और पटना हाईकोर्ट के पूर्व जज और वकील अंजना प्रकाश ने दायर की है। इसी तरह एक याचिका देशभर में मुस्लिम विरोधी भड़काऊ भाषण के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए जमीयत उलेमा-ए-हिंद और मौलाना महमूद मदनी ने दायर की है।

याचिका में कहा गया है कि मुस्लिमों के खिलाफ भड़काऊ भाषणों की वजह से कई लोगों की जान गई हैं। भड़काऊ बयान देने वालों के खिलाफ पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।

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