हाईकोर्ट ने इस मामले में सिंगल बेंच के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि इस आदेश में हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं है इसलिए यह अपील खारिज की जाती है।
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झारखंड में लंबे समय से चल रहे जेपीएससी विवाद पर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में बीते वर्ष 20 अक्टूबर को ही छठी जेपीएससी के मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। वह फैसला अदालत ने आज सुनाया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में सिंगल बेंच के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि इस आदेश में हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं है इसलिए यह अपील खारिज की जाती है। इसके बाद 326 सफल अभ्यार्थियों को बड़ा झटका लगा है आपको बता दें जेपीएससी द्वारा 326 लोगों की नियुक्ति कर दी गई थी जिसके बाद से यह लोग राज्य में विभिन्न जगहों पर अपनी सेवाएं भी दे रहे हैं।
आपको बता दें की सिंगल बेंच ने छठी जेपीएससी की अंतिम परिणाम को रद्द कर दिया था और संशोधित रिजल्ट जारी करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने माना था कि पेपर वन में सिर्फ क्वालीफाई मार्क्स ही लाना था। लेकिन जेपीएससी ने इसे कुल प्राप्तांक में जोड़ दिया जो कि गलत है। इसके बाद 326 विद्यार्थी जो कि नियुक्त हुए थे उनकी ओर से अपील की गई थी।
हालांकि सुनवाई के दौरान सरकार ने यह कहा था कि वह एकल पीठ के आदेश का पालन करेगी। वहीं दूसरी तरफ प्रार्थियों का कहना था की जेपीएससी की ओर से जारी किया गया रिजल्ट बिल्कुल सही है और इसमें कोई भी गड़बड़ी नहीं है। इसी मामले पर अब हाई कोर्ट ने रिजल्ट रद्द करने के फैसले को बरकरार रखा है।
#Jharkhand: छठीं जेपीएससी के रिजल्ट को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। 326 सफल अभ्यर्थियों का लगा बड़ा झटका। हाईकोर्ट ने नई मेरिट लिस्ट के आधार पर रिजल्ट जारी करने का निर्देश जेपीएससी को दिया है#JPSC @BJP4Jharkhand @INCJharkhand @ajsupartyjh @JmmJharkhand pic.twitter.com/77cnP9wfiB
— India Voice (@indiavoicenews) February 23, 2022
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