Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. क्षेत्रीय
  3. Mob Lynching In Jharkhand : अवैध तरीके से पेड़ काटने का विरोध करना पड़ा भारी, व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या

Mob Lynching In Jharkhand : अवैध तरीके से पेड़ काटने का विरोध करना पड़ा भारी, व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

रांची, 06 मई। झारखंड के जिले गुमला के भरनो थाना क्षेत्र में मॉब लिंचिग का मामला सामने आया है। जहां कुछ लोगों ने एक 45 साल के शमीम अंसारी की लाठी-डांडों से पीट-पीटकर सिर्फ इसलिए हत्या कर दी क्योंकि उन्होंने पेड़ काटने का विरोध किया था। शमीम जंगलों से अवैध रूप से पेड़ काटने लकड़ी माफियाओं को रोकने का काम करते थे।

पढ़ें :- राजस्थान के बाद पश्चिम बंगाल में सीएम भजनलाल शर्मा का जादु, रोड शो में उत्साहित दिखी जनसभा

लकड़ी माफियाओं ने की शमीम की हत्या

जानकारी के मुताबिक जंगल में अवैध रूप से लकड़ी काटने वालों ने ग्राम वन संरक्षण समिति का नेतृत्व करने वाले शमीम अंसारी को तब तक पीटा जब तक उनकी मौत नहीं हो गई। वारदात शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे की बताई जा रही है। रायकेरा वन समिति के अध्यक्ष शमीम अंसारी को शुक्रवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे अवैध रूप से पेड़ों की कटाई की सूचना मिली। जिसके बाद जब शमीम ने मौके पर पहुंचकर लकड़ी माफिया को ऐसा करने से रोका तो उन्होंने शमीम पर लाठी-डांडों से हमला कर दिया। जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई। SDO रवि आनंद ने बताया कि अंसारी की लकड़ी माफिया को पेड़ काटने से रोकने पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।

झारखंड में जारी हैं मॉब लिंचिंग की घटनाएं

बतादें कि इससे पहले भी झारखंड में मॉब लिंचिंग की कई घटनाए सामने आ चुकी हैं। इसी साल जनवरी में सिमडेगा जिले में लोगों ने लकड़ी चोरी के शक में एक युवक को जिंदा जला दिया था। वहीं सिमडेगा के एक गांव में भीड़ ने एक 60 साल की महिला को जादू टोना करने के संदेह में आग लगा दी थी। फरवरी में हजारीबाग जिले के बरही थाना क्षेत्र के करियादपुर गांव में सरस्वती पूजा के बाद विसर्जन जुलूस के दौरान एक 17 साल के लड़के की कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी।

पढ़ें :- लोकसभा चुनाव 2024 : राजस्थान की 13 लोकसभा सीटों पर वोटिंग कल

गौरतलब है कि झारखंड विधानसभा में भीड़ हिंसा रोकथाम और मॉब लिंचिंग विधेयक, 2021 को पारित करने के बाद भी राज्य में मॉब लिंचिंग की घटनाए कम नहीं हो रही हैं। इस विधेयक का उद्देश्य राज्य में संवैधानिक अधिकारों की प्रभावी सुरक्षा प्रदान करना और भीड़ की हिंसा को रोकना है।

Advertisement