हाल ही में सीता सोरेन के नाखुश होने की भी खबर सामने आई थी। उसके बाद सत्तारधारी पार्टी के विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने भी सरकार के खिलाफ बगावती तेवर दिखाए थे।
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झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार में खटपट की खबर है। बताया जा रहा है कि झारखंड में कांग्रेस के विधायक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कार्यप्रणाली से खुश नहीं है। इस सिलसिले में झारखंड कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने विधायकों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में क्या कुछ आगे निकलेगा ये तो समय बतायेगा लेकिन झामुमो के भीतर भी सब कुछ ठीक नहीं है। हाल ही में सीता सोरेन के नाखुश होने की भी खबर सामने आई थी। सीता सोरेन अपनी ही पार्टी में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर राजभवन पहुंची थीं वहां उन्होंने कहा कि, सरकारी और कंपनियों के अधिकारी कानून को ताख पर रख के झारखंड को लूटने में लगे हुए हैं।
उसके बाद सत्तारधारी पार्टी के विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने भी सरकार के खिलाफ बगावती तेवर दिखाए थे। आपको बता दें 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय व नियोजन नीति बनाने के लिए सरकार पर दवाब बनाने के उद्देश्य से विधायक लोबिन हेम्ब्रम लगातार पूरे राज्य में आन्दोलन कर रहे हैं।
JMM विधायक लोबिन हेम्ब्रम झारखंड सरकार से नाराज चल रहे है।कहा कि जब तक यहां के आदिवासी मूलवासी को उनका अधिकार नहीं मिलेगा,आंदोलन पूरे राज्य में करते रहेंगे
JMM विधायक ने कहा कि 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीयता नीति व नियोजन नीति को लेकर संघर्ष जारी है#Jharkhand pic.twitter.com/snEPjmEWbQ
— Sohan singh (@sohansingh05) April 3, 2022
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वहीँ झारखंड सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी कहा है कि, झारखंड सरकार गठबंधन की सरकार है और हमारी कांग्रेस पार्टी चाहती है कि कॉर्डिनेशन कमेटी बने। कॉर्डिनेशन कमेटी बनने से आम लोगों को फायदा होगा इससे हमारी और उनकी सोच, साथ ही हमारे स्वरूप से आम लोगों को लाभ पहुंचेगा।
#Delhi: झारखंड सरकार गठबंधन की सरकार है और हमारी कांग्रेस पार्टी चाहती है कि कॉर्डिनेशन कमेटी बने। कॉर्डिनेशन कमेटी बनने से आम लोगों को फायदा होगा इससे हमारी और उनकी सोच, साथ ही हमारे स्वरूप से आम लोगों को लाभ पहुंचेगा: झारखंड कांग्रेस की बैठक पर झारखंड के मंत्री @BannaGupta76 pic.twitter.com/AChfS7YQn1
— India Voice (@indiavoicenews) April 5, 2022
वहीँ आपको बता दें, दिल्ली में झारखंड के कांग्रेस नेताओं की बैठक चल रही है। बैठक में करीब 30 लोग शामिल हैं। जिसमे झारखंड सरकार में कांग्रेस के कोटे के चारो मंत्री भी मौजूद हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के नेताओं को शिकायत है कि जिस तरह से सरकार चलनी चाहिए उस तरह से सरकार नहीं चल रही है। सोरेन ने कुछ ऐसे फैसले किए जो गठबंधन धर्म के खिलाफ थे। यानी कि कांग्रेस से बिना पूछे ही फैसले लिए गए। ऐसे में कोई भी सरकार कैसे चल सकती है। सरकार बनने के वक्त जब यह साफ हो चुका था कि एक न्यूनतम एजेंडे पर सरकार आगे बढ़ेगी तो कहीं न कहीं हेमंत सोरेन उससे पीछे हटे रहे हैं। कांग्रेस प्रभारी ने एक मिडिया चैनल से बात करते हुए कहा कि उन्होंने 7 मार्च को ही कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की लिस्ट मुख्यमंत्री को सौंप चुके हैं उन्होंने आगे कहा है हो सकता है सीएम किसी अन्य ज़रूरी काम में व्यस्त होंगे, लेकिन उन्हें इस और भी ध्यान देना चाहिए। हेमंत सोरेन अपनी पार्टी के आतंरिक संतोष को लेकर परेशान होंगे।
इससे पहले सरकार गिराने की साज़िश के सम्बन्ध में कई विधायकों ने हेमंत सोरेन को चिट्ठी लिख कर शिकायत भी की है। शिकायत करनेवाले विधायकों का कहना है कि ये दोनों विधायक ( लोबिन और सीता सोरेन) लगातार संगठन विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे है़ं इनकी भूमिका संदेहास्पद रही है़ पार्टी नेताओं को बताया गया है कि सरकार गिराने की मुहिम में ये दोनों विधायक पार्टी के निष्कासित पूर्व कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल के संपर्क में भी है़ं इनके साथ दोनों विधायकों की सांठगांठ है