चंडीगढ़, 07 जून। पंजाब पुलिस ने लोक गायक सिद्धू मूसेवाला की अंतिम अरदास से एक दिन पहले हत्याकांड में रेकी करने और वाहन मुहैया करवाने वाले समेत 8 आरोपियों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। मूसेवाला की 29 मई को हत्या कर दी गई थी।
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#Sidhumoosewala #Murder #Case: Eight Persons Arrested for Providing Logistic Support and Conducting Recce.
SIT has identified four Shooters of Sidhu Moosewala. Man who disguised as a fan clicked selfies with Moosewala and shared information with shooters also captured.
— Punjab Police India (@PunjabPoliceInd) June 7, 2022
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8 गिरफ्तार, 4 शूटरों की पहचान
पंजाब पुलिस की ओर से मंगलवार को इस मामले में पहली बार मीडिया को जानकारी दी गई। पुलिस के मुताबिक पकड़े गए आरोपियों की पहचान संदीप सिंह उर्फ केकड़ा निवासी सिरसा, मनप्रीत सिंह उर्फ मन्ना निवासी तलवंडी साबो बठिंडा, मनप्रीत भाऊ निवासी ढैपयी फरीदकोट, सारज मिंटू निवासी गांव दोदे कलसिया अमृतसर, प्रभदीप सिद्धू उर्फ पब्बी निवासी तख्त-मल्ल हरियाणा, मोनू डागर निवासी गांव रेवली सोनीपत, पवन बिश्नोई और नसीब निवासी फतेहाबाद हरियाणा के तौर पर हुई है। पुलिस ने इस वारदात में शामिल 4 शूटरों की भी पहचान कर ली है।
मूसेवाला की हर हरकत पर थी आरोपियों की नज़र
एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स के ADGP प्रमोद बाण ने बताया कि गोल्डी बराड़ और सचिन थापन के निर्देश पर संदीप उर्फ केकड़ा ने अपने आप को मूसेवाला के प्रशंसक के तौर पर पेश करके उस पर नजर रखी हुई थी। वारदात से कुछ समय पहले जब गायक अपने घर से जा रहा था, उस समय केकड़ा ने गायक के साथ सेल्फी भी ली थी। केकड़ा ने शूटरों और विदेशी संचालकों को बताया कि मूसेवाला के साथ सुरक्षाकर्मी नहीं हैं और वो सामान्य गाड़ी में बगैर हथियार के जा रहा है। मनप्रीत मन्ना ने गोल्डी बराड़ और सचिन थापन के नज़दीकी साथी सारज मिंटू के निर्देशों पर मनप्रीत भऊ को टोयटा कोरोला कार मुहैया करवाई थी, जिसने आगे ये कार दो संदिग्ध शूटरों को सौंपी।
ADGP ने बताया कि प्रभदीप सिद्धू उर्फ पब्बी ने जनवरी 2022 में हरियाणा से आए गोल्डी बराड़ के दो साथियों को पनाह दी थी और उनके द्वारा सिद्धू मूसेवाला के घर और आसपास के इलाकों की रेकी भी करवाई थी। मोनू डागर ने गोल्डी बराड़ के निर्देश पर इस कत्ल को अंजाम देने के लिए शूटरों की टीम बनाने के लिए दो शूटरों का प्रबंध किया था। पवन बिश्नोई और नसीब ने बलेरो गाड़ी शूटरों को सौंपी थी और उनको पनाह दी थी। प्रमोद बाण ने बताया कि IGP पीएपी जसकरन सिंह के नेतृत्व वाली विशेष जांच टीम रणनीतिक तौर पर काम कर रही है और इस अपराध में शामिल पहचाने गए शूटरों और अन्य मुल्जिमों को गिरफ़्तार करने के लिए लगातार कोशिश कर रही है।