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सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद सौम्या गुर्जर ने फिर संभाली महापौर की कुर्सी, कहा-भगवान के घर देर है अंधेर नहीं

By इंडिया वॉइस 

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जयपुर : राज्य सरकार के जयपुर ग्रेटर मेयर पद से निलंबन के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट से स्थगन मिलने के बाद बुधवार को डॉ. सौम्या गुर्जर ने सात महीने बाद फिर से मेयर की कुर्सी संभाल ली है। भाजपा नेताओं व अपने समर्थकों के साथ निगम मुख्यालय पहुंच कर सौम्या ने एक बार फिर पदभार ग्रहण किया। सौम्या को न्यायिक जांच पूरी होने तक राहत मिली है, लेकिन सौम्या का भविष्य अभी भी न्यायिक जांच पर टिका हुआ है।

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इससे पहले मंगलवार को सौम्या गुर्जर के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। राजस्थान हाईकोर्ट के सौम्या गुर्जर के निलंबन के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक जांच पूरी होने तक स्टे लगाया है। ऐसे में सौम्या गुर्जर अपने पद पर फिर बहाल हो सकेंगी। जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस एमएम सुंदरेष की खंडपीठ ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगाया है। राजस्थान सरकार की ओर से अति. महाधिवक्ता डॉ. मनीष सिंघवी ने पक्ष रखा, वहीं डॉ. सौम्या गुर्जर की तरफ से भी अधिवक्ता पेश हुए।


जयपुर नगर निगम ग्रेटर में आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव के साथ अभद्रता के मामले में राज्य सरकार ने पिछले साल 6 जून 2021 को सौम्या गुर्जर को महापौर के पद से निलंबित कर शील धाबाई को कार्यवाहक मेयर बनाया था। सौम्या गुर्जर के साथ पार्षद पारस जैन, अजय चौहान, रामकिशोर प्रजापत और शंकर शर्मा को निलंबित किया गया था। महापौर का पदभार संभालने के बाद गुर्जर ने कहा कि भगवान के घर देर है अंधेर नहीं। उन्हें न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है। आगे भी वे जनता के भले के लिए कटिबद्ध रहेंगी। मेयर की कुर्सी संभालने पर पार्षदों और कर्मचारियों ने जोरदार स्वागत किया। इस दौरान बड़ी संख्या में भाजपा के कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।

इससे पहले सौम्या गुर्जर ने सुबह भाजपा मुख्यालय जाकर वरिष्ठ पदाधिकारियों से मुलाकात की। 241 दिन बाद सौम्या गुर्जर नगर निगम ग्रेटर मुख्यालय आई। गुर्जर के दोबारा चार्ज लेने को लेकर चल रही सुगबुगाहट के बीच सुबह से नगर निगम में हलचल थी। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस और होमगार्ड के जवान पहले से तैनात हो गए।

गहलोत सरकार ने 31 जनवरी को ही कार्यवाहक मेयर शील धाभाई के कार्यकाल को अगले 60 दिन के लिए बढ़ाया था। ये चौथी बार था जब सरकार ने शील धाभाई का कार्यकाल को बढ़ाया। इससे पहले सरकार ने दिसंबर में आदेश जारी करके हुए 60 दिन के लिए कार्यकाल बढ़ाया था, जो एक फरवरी को पूरा हो रहा था।

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