कांग्रेस पार्टी ने भी केन्द्र सरकार की ओर से भारतीय सेना में भर्ती के लिए घोषित ‘अग्निपथ’ योजना को वापस लेने की मांग की है।
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नई दिल्ली, 18 जून। अग्निपथ भर्ती के विरोध में पिछले कई दिनों से जारी हिंसा ने देश को हिला कर रख दिया है। युवा उग्र रूप धारण कर सकड़ों पर बवाल काट रहा है। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहा है। सरकार लगातार युवाओं से शांति की अपील कर रही है। लेकिन प्रदर्शनकारी हैं की सुनने को तैयार ही नहीं है। अब कांग्रेस पार्टी ने भी केन्द्र सरकार की ओर से भारतीय सेना में भर्ती के लिए घोषित ‘अग्निपथ’ योजना को वापस लेने की मांग की है। कांग्रेस ने युवाओं के साथ एकजुटता दिखाते हुए घोषणा की है कि पार्टी अग्निपथ योजना के विरोध में रविवार को जंतर-मंतर पर ‘सत्याग्रह’ करेगी। इसमें पार्टी के सांसद और वरिष्ठ नेता भी शामिल होंगे।
इस योजना की कोई जरूरत ही नहीं- कांग्रेस
शनिवार को कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा, राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी और कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग की है। पवन खेड़ा ने कहा कि इस योजना की कोई जरूरत ही नहीं थी। सरकार इसे जबरन युवाओं पर थोप रही है। जिसे युवाओं ने खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि युवाओं को भ्रमित करने के लिए ये योजना लाई गई है। केन्द्र की इस योजना का कांग्रेस विरोध करती है।
केंद्र को अग्निवीरों को अग्नि में नहीं झोंकना चाहिए- प्रमोद तिवारी
नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि ये योजना ‘वन रैंक वन पेंशन’ की भावना में विरोधाभास पैदा करने वाली है। प्रधानमंत्री मोदी ने वन रैंक वन पेंशन की वकालत की थी। उन्हें इस मुद्दे पर विचार करना चाहिए और अग्निवीरों को अग्नि में नहीं झोंकना चाहिए। उन्होंने कहा कि 70-72 साल के नेता दावा करते हैं वो देश की सेवा करेंगे और अग्निपथ योजना लाकर 24 साल के युवा को देश की सेवा से रिटायर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वित्तीय बचत के लिए मोदी सरकार ये योजना लेकर आई है। इस योजना से युवाओं का भला नहीं होने वाला है। तिवारी ने कहा कि अगर सरकार को देश के वित्त की इतनी ही चिंता थी तो सरकारी संपत्तियों को निजी हाथों में देने से पहले भी सोचना चाहिए था।
वहीं कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने कहा कि कांग्रेस युवाओं के शांतिपूर्ण आंदोलन का समर्थन करती है और केन्द्र सरकार से अनुरोध करती है कि वो अतिशीघ्र अग्निपथ योजना को वापस लेने की घोषणा करे।