कोर्ट ने शुक्रवार को मां शृंगार गौरी मूल वाद में ज्ञानवापी के सील वजूखाने को छोड़कर बैरिकेडिंग वाले क्षेत्र का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) कराने का आदेश दे दिया है।
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वाराणसी। कोर्ट ने शुक्रवार को मां शृंगार गौरी मूल वाद में ज्ञानवापी के सील वजूखाने को छोड़कर बैरिकेडिंग वाले क्षेत्र का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) कराने का आदेश दे दिया है। हालांकि मुस्लिम पक्ष ने सर्वे का विरोध किया था।
रडार तकनीक से सर्वे कराने के आवेदन पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने ASI को 4 अगस्त तक रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
हिंदू पक्ष की सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक और लक्ष्मी देवी की तरफ से दिए गए इस आवेदन पर यह तय हो गया कि अब ज्ञानवापी परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण होगा। हिंदू पक्ष के अधिवक्ताओं की दलील थी कि सर्वे से यह स्पष्ट हो जाएगा कि ज्ञानवापी की वास्तविकता क्या है।
सर्वे में बिना क्षति पहुचाएं पत्थरों, देव विग्रहों, दीवारों सहित अन्य निर्माण की उम्र का पता लग जाएगा। वहीं, विपक्षी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने सर्वे कराने के आवेदन का विरोध किया था।
निगरानी अर्जी पर अब 16 अगस्त को सुनवाई
अपर जिला जज (नवम) विनोद कुमार सिंह की अदालत में गुरुवार को ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाना में गंदगी फैलाने और शिवलिंग जैसी आकृति पर दिए गए विवादास्पद बयान के मामले में दाखिल निगरानी अर्जी पर सुनवाई हुई।
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असुदद्दीन ओवैसी की ओर से अधिवक्ता एहतेशाम आब्दी और शवनवाज परवेज ने वकालत नामा लगाया। कोर्ट ने अन्य विपक्षीगण को उपस्थित होने के लिए अगली सुनवाई 16 अगस्त की तिथि तय की।
प्रकरण के अनुसार, वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने बतौर वादी अवर न्यायालय के आदेश के खिलाफ जिला जज की अदालत में निगरानी अर्जी दाखिल की है। अर्जी में कहा गया है कि ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाने में नमाजियों द्वारा गंदगी फैलाई गई। उनका दावा है कि वह स्थान हिंदुओं के अराध्य देव शिव का है।
अविमुक्तेश्वर के वाद में तीन अगस्त को सुनवाई
सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत में विचाराधीन अविमुक्तेश्वर बनाम अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी वगैरह के मामले में बुधवार को सुनवाई टल गई। एक वरिष्ठ अधिवक्ता के निधन के चलते पारित शोक प्रस्ताव के कारण इस मामले में सुनवाई नहीं हो सकी।
इस मामले में अब अगली सुनवाई तीन अगस्त को होगी। दिल्ली निवासी हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और खजुरी निवासी अजीत सिंह ने अपने अधिवक्ता मंगला प्रसाद पाठक व अभिषेक पाठक के जरिए अदालत में वाद दाखिल किया है।
इस वाद में ज्ञानवापी परिसर हिंदुओं को सौंपने, मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक लगाने और सर्वे के दौरान मिली शिवलिंग जैसी आकृति की दर्शन-पूजन, राग-भोग की अनुमति दिए जाने की अदालत से मांग की गई है।