तो आखिरकार उत्तर प्रदेश विधानसभा में कामकाज और विधायकों के व्यवहार को लेकर नई नियमावली से विपक्षी विधायक भड़क गए हैं। 1958 के बाद 65 साल में नई नियमावली लागू हो रही है। इसमें मोबाइल फोन के साथ झंडे, प्रतीक चिन्हों समेत कई चीजों पर पाबंदी होगी।
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लखनऊ। तो आखिरकार उत्तर प्रदेश विधानसभा में कामकाज और विधायकों के व्यवहार को लेकर नई नियमावली से विपक्षी विधायक भड़क गए हैं। 1958 के बाद 65 साल में नई नियमावली लागू हो रही है। इसमें मोबाइल फोन के साथ झंडे, प्रतीक चिन्हों समेत कई चीजों पर पाबंदी होगी।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसको लेकर गुरुवार को विधानसभा में सवाल भी उठाए।दरअसल यूपी विधानसभा में 65 साल बाद नियम बदले गए हैं , नियमावली में विधायकों के आचरण और व्यवहार तय किए गए हैं।
नए नियमों को लेकर विपक्ष सवाल उठा रहा है।हंगाम क्यों है बसपा अब वो समझ लिजिए दरअसल बात सिर्फ सदन में मोबाइल नहीं ले जाने तक सिमित नहीं है और न ही झंडे, प्रतीक से प्रदर्शन की इज्जात पर रोक की बात है ।
दरअसल सदस्यों के वेल में आने पर रोक वाले नियम को लेकर भी विपक्ष नाराज है आरोप ये कि सरकार सदन में विपक्ष का मुंह बनद करने पर उतारू है वैसे इस नई नियमवाली में सवाल का जवाब न देने पर मंत्री को कारण बताना होगा…चलिए अब देखिए अखिलेश ने कैसे कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया
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लगता है यूपी विधानसभा में प्रतिबंध के लिए अब और कुछ नियम आयेंगे : – टमाटर खाकर आना मना – सांड पर बात नहीं – जनहित व सौहार्द के मुद्दे उठाना मना – स्मार्ट सिटी पर सवाल नहीं – बेरोज़गारी व महंगाई शब्द का प्रयोग मना – जातीय जनगणना की माँग और – PDA पर सांकेतिक भाषा में भी बात करना मना!नई नियवाली को लेकर सदन से लेकर सड़क तक विपक्ष नाराज हो रहा है सवाल ये कि आखिरकार उत्तर प्रदेश विधानसभा में कामकाज और विधायकों के व्यवहार को लेकर नई नियमावली से विपक्ष को एतराज क्यों ? जहां तक बात नियम की है तो फिर नियम तो सबके लिए बराबर है ऐसे में नियमों पर सियासी नाटक क्यों