Booking.com

राज्य

  1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. आज डूबते सूर्य को देंगे अर्घ्य , जानें सूर्यास्त का समय

आज डूबते सूर्य को देंगे अर्घ्य , जानें सूर्यास्त का समय

आस्था का महापर्व छठ के चार दिवसीय इस अनुष्ठान के तीसरे दिन यानी 30 अक्टूबर को भगवान भास्कर को संध्या में पहला अर्घ्य अर्पित किया जाएगा, जबकि 31 अक्टूबर को छठ व्रती सूर्योदय के समय भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगी. जिसके बाद पारण के साथ छठ महापर्व का समापन किया जाएगा.

By Ruchi Kumari 

Updated Date

छठ पूजा की मान्यता
ऐसी मान्यता है कि शाम के समय सूर्य देवता अपनी अर्धांगिनी देवी प्रत्युषा के साथ समय बिताते हैं. यही कारण है कि छठ पूजा में शाम को डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है.

पढ़ें :- पंजाब से झारखंड ले जाई जा रही एक करोड़ की अंग्रेजी शराब बरामद, पुलिस ने एक आरोपी को दबोचा

डूबते सूर्य को दिया जाता है अर्ध्य

श्रद्धालु घाट पर जाने से पहले बांस की टोकरी में पूजा की सामग्री, मौसमी फल, ठेकुआ, कसर, गन्ना आदि सामान सजाते हैं और इसके बाद घर से नंगे पैर घाट पर पहुंचते हैं. इसके बाद स्नान कर डूबते सूर्य को अर्ध्य देते हैं. छठ पहला ऐसा पर्व है जिसमें डूबते सूर्य की पूजा की जाती है और उन्‍हें अर्घ्य दिया जाता है. बिहार ,झारखंड और यूपी के कुछ हिस्‍सों के साथ साथ देश के कई राज्यों में मनाए जाने वाले इस पावन पर्व को बहुत ही शालीनता, सादगी और आस्‍था से मनाये जाने की परंपरा है.

महापर्व में भूलकर भी न करें ये काम

बिना नहाये किसी भी पूजन सामग्री को हाथ न लगायें.

पढ़ें :- किसानों का चीनी मिल पर 4.88 करोड़ का बकाया, कर रहे आर्थिक संकट का सामना

प्रसाद बनाते समय नमकीन वस्तुओं को स्पर्श न करें.

छठ मैया से अगर कोई मन्नत मांगी हो तो उसके गलती से भी भूले नहीं.

चांदी, प्लास्टिक, स्टील या शीशे के बर्तन से सूर्य देव को अर्घ्य न दें.

छठ पूजा में इन बातों का रखें ध्यान

छठ पूजा के दौरान साफ-सफाई का विशेष ध्यान दिया जाता है. इस दौरान साफ-सुथरे और अगर मुमकिन हो को नए कपड़े पहनकर ही छठ पूजा करनी चाहिए.

पढ़ें :- एलएलबी की छात्रा ने गंगा में कूदकर दे दी जान

छठ पर्व के दौरान व्रती को बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए.

इस दौरान सात्विक भोजन ही करें और शराब का भी सेवन न करें.

जरूरतमंदों की सहायता करें.

व्रती की जितना हो सके सेवा करें. उन्हें गलती से भी परेशान न करें.

पूजन के लिए बांस के सूप का ही उपयोग करें.

छठ का प्रसाद जितना ज्यादा हो सके बनाएं और इसे अधिक से अधिक लोगों में बांटे.

पढ़ें :- पूर्णियाः ट्रैक्टर का टायर ब्लास्ट होने से भाई-बहन की मौत, परिजनों में मचा कोहराम

आज बनेगा सूर्य को चढ़ाया जाने वाला भोग ठेकुआ

छठ पूजा के उपवास के दौरान खास ध्यान रखना होता है कि खरना वाले दिन घर का कोई भी सदस्य प्याज लहसन या तामसिक भोजन का सेवन ना करें. साथ ही मान्यता यह भी है कि इस दिन घर के सदस्य व्रती द्वारा दिए भोजन ग्रहण करने के बाद ही खाना खाते हैं. खरना के दिन खीर के साथ रोटी भी बनती है. जो खीर होती है वह गुड़ वाली होती है. प्रसाद में खीर और रोटी के साथ मौसमी फल और केला भी शामिल किया जाता. उसे एक साथ रखकर केले के पत्ते पर छठी माता को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है. इसके बाद व्रती खुद भी इस प्रसाद को ग्रहण करके बाकी लोगों को खिलाती हैं. इसके साथ ही खरना के उपवास के दौरान छठी मैया को चढ़ने वाले पकवान यानी कि ठेकुआ, और लाडु बनाते हैं. इसे अर्घ्य देने के दौरान टोकरी में रखकर छठी मैया को चढ़ाए जाते हैं.

रविवार को सूर्यास्त का समय

सूर्यास्त का समय 05 बजकर 34 मिनट. इस दिन अस्तांचलगामी सूर्य देव को सायंकालीन अर्घ्य का समय शाम 5 बजकर 29 से 5 बजकर 39 बजे तक.

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook, YouTube और Twitter पर फॉलो करे...
Booking.com
Booking.com
Booking.com
Booking.com