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Jharkhand News : सीएम के खनन लीज मामले की 31 को सुनवाई करेगा निर्वाचन आयोग

Mining Lease Case : सीएम हेमंत सोरेन से भारतीय निर्वाचन आयोग ने माइनिंग लीज मामले में नोटिस जारी कर जवाब मांगा। सीएम के वकील ने इस नोटिस का जवाब दायर कर दिया है।

By इंडिया वॉइस 

Updated Date

रांची, 21 मई 2022। Mining Lease Case : झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के भारतीय निर्वाचन आयोग ने नोटिस जारी कर उनसे पत्थर खनन की लीज के मामले में संलिप्तता पर जवाब मांगा था। इसके लिए सीएम सोरेन को 20 तारीख यानी कल तक का समय दिया गया था। फिलहाल उन्होंने अपनी ओर से जवाब दे दिया है और निर्वाचन आयोग इस मामले में अब 31 मई को सुनवाई करेगा। सीएम में निर्वाचन आयोग को अपने वकील के द्वारा नोटिस का जवाब दिया है।

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सीएम की ओर से नोटिस का जवाब देने के बाद ही भारत निर्वाचन आयोग की ओर से सुनवाई की तारीख तय की गई है। इस सुनवाई के लिए आयोग के द्वारा झारखंड के सीएम और राज्य की भाजपा ईकाई को सूचना प्रदान कर दी है। इन दोनों ही पक्षों के वकीलों या अन्य प्रतिनिधियों को इस सुनवाई में मौजूद रहना होगा। फिलहाल इस मामले की सुनवाई से पहले सीएम सोरेन के भाई बसंत सोरेन के मामले पर सुनवाई हो सकती है।

भाजपा ने किस आधार पर की थी शिकायत

– झारखंड की भाजपा पार्टी द्वारा सीएम हेमंत सोरेन द्वारा पत्थर खनन की लीज अवैध तरीके से अपने नाम करने की शिकायत राज्यपाल से की गई थी।

– सीएम को पद का दुरुपयोग करने व उन्हें आयोग्य करार दिये जाने पर राज्यपाल ने भारतीय निर्वाचन आयोग से राय मांगी।

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– इस पर आयोग ने विशेष दूत भेजकर झारखंड सरकार के सीएम से 10 मई तक मामले पर जवाब मांगा था।

– सीएम ने जवाब देने के लिए एक माह का समय मांगा था, जिस पर आयोग ने 20 मई तक का समय दिया था।

– 19 मई को सीएम के वकील ने आयोग के समक्ष जवाब जमा करा दिया।

 

जन प्रतिनिधि एक्ट का उल्लंघन  

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जानकारी के अनुसार अनगड़ा प्रखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पत्थर खनन लीज अपने नाम पर ली थी। इस मामले को लेकर भाजपा ने राज्यपाल से शिकायत की थी। भाजपा ने शिकायत लगाते हुए राज्यपाल से कहा कि सीएम ने खनन लीज को लेने से जनप्रतिनिधि कानून 1951 की धारा 9ए को खंडित किया है।

इस वजह से सीएम की विधानसभा सदस्यता को खत्म किया जाना चाहिए। इस शिकायत का आश्रय लेते हुए राज्यपाल ने निर्वाचन आयोग से भारतीय संविधान की धारा 192 के अंतर्गत सीएम सोरेन को अयोग्य करार दिये जाने के मांग की थी। जिसके बाद निर्वाचन आयोग द्वारा सीएम सोरेन को नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया था।

सीएम ने जवाब में कहा था-छिपाए गए तथ्य

आयोग को भेजे गए जवाब में सीएम हेमंत सोरेन ने कहा गया है कि भाजपा की जिस शिकायत पर जवाब मांगा गया है, उस दौरान मेरे नाम पर पत्थर खनन लीज नहीं थी। शिकायत में कई तरह के तथ्यों को छिपाया गया है। यह पट्टा 17 मई 2008 को दस सालों के लिए जारी किया गया था।

इस हिसाब से वर्ष 2018 को पट्टा के नवीनीकरण का आवेदन दिया था, लेकिन वह लैप्स हो गया। इसके बाद 2021 में पट्टा दिया गया, लेकिन इसमें कार्यान्वित करने की मंजूरी नहीं मिली थी। इसके बाद 4 फरवरी को पट्टे के सरेंडर करने का आवेदन दिया गया था, जिसे मंजूर कर लिया गया था।

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